रांची: इंतेजार अली जमानत पर शुक्रवार शाम छह बजे जेल से रिहा हुआ़ जेल के गेट से बाहर निकलते ही रिश्तेदार से गले मिला़ कहा : बिना किसी जुर्म के 56 दिन जेल में कैसे बीता, बताना काफी मुश्किल है़ प्रभात खबर ने हमारी काफी मदद की, जिस कारण मैं जेल से बाहर निकल पाया़ देश का दुर्भाग्य ही है कि निर्दोष व्यक्ति को 56 दिन जेल में रहना पड़ा़ उसने अपने साथ घटी घटना को बताया, कहा : ट्रेन से गिरफ्तार करने के बाद मुझे सिल्ली थाना लाया गया़.
इसके बाद काफी यातना दी गयी़ दोनों पैर के बीच मेें डंडा बांध कर मुझे पीटा जाने लगा़ स्कूल की तरह डंडा से हाथ पर मारा जाता था़ पिटाई करनेवाले कहते थे कि ऐसा मारेंगे कि मेडिकल के दौरान डॉक्टर को कहीं भी चोट का निशान नहीं मिलेगा़ जब कोर्ट में पेश किया गया, तो जज ने पूछा कि क्या तुम्हारे साथ मारपीट की गयी़ हमने जज को बताया कि हमें काफी यातनाएं दी गयी है़ं फिर जज ने मुझे वापस भेज दिया़
देशद्रोही की तरह ट्रेन से उतारा.
ट्रेन में कैसे हुई गिरफ्तारी, इसका जिक्र करते हुए इंतेजार ने बताया : मैं ट्रेन में सिंगल सीट पर बैठा था़ उसी समय सादे लिबास में कुछ व्यक्ति आये़ अचानक मेरा बैग चेक करने लगे़ मेरे बैग में आला व बीपी मापने की मशीन मिली़ मैं पुरुलिया से मेडिकल कैंप से लौट रहा था़ वे लोग मेरे बगल की चार सीट (चार सीटर) के पास गये और एक बैग खोला़ उसमें क्या था, मुझे पता नहीं. बैग को देखते ही सभी बोलने लगे, चलाे मिल गया़ इसके बाद मुझे कॉलर पकड़ कर एक देशद्रोही की तरह ट्रेन से किता स्टेशन पर उतार लिया गया़.
इंतेजार अली ने कहा : अभी जमानत पर रिहा हुए है़ं मुझे न्यायालय पर विश्वास है़ इस केस बाइज्जत बरी होने के लिए आगे जितनी भी लंबी लड़ाई लड़नी पड़े, मैं तैयार हू़ं जेल में बहुत से ऐसे कैदी हैं, जो 14 साल की सजा पूरी करने के बाद भी बंद है़ पर सरकार उन्हें रिहा नहीं कर रही है़ मैं सरकार से उन्हें रिहा करने की मांग करूंगा़ इंतेजार अली को लाने के लिए उसके बहनोई मुबारक हुसैन, मो निजामुद्दीन, मो अनवर हुसैन, भाई मो सरताज हुसैन, जेवीएम अल्पसंख्यक मोरचा के जिला अध्यक्ष नदीम, मो तौहिद , मो माईन सहित मुहल्ले के कई लोग जेल पहुंचे थे़
प्रभात खबर का आभार जताया
इंतेजार ने कहा : पुलिस जिसे चाहे फंसा दे़ पुलिस अपने मुखबिर के कहने पर ही एक निर्दोष को देशद्रोही बनाने पर तुल गयी थी़ लेकिन प्रभात खबर का मैं जितना भी शुक्रिया अदा करूं कम है़ प्रभात खबर ने कुछ दिन के बाद ही छापा कि इंतेजार निर्दोष है, तो उसे रिहा किया जाना चाहिए़ इसके बाद पुलिस भी सकते में आ गयी़ जांच में भी विस्फोटक से मेरा कोई संबंध नहीं निकला़ घर से मिले डायरी, कंप्यूटर व मोबाइल में कोई साक्ष्य नहीं मिला़ फिर भी पुलिस किसी प्रकार हमें फंसाने का प्रयास करती रही़