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ठेकेदार पर मेहरबान क्यों है सरकार

ठेकेदार पर मेहरबान क्यों है सरकार तसवीर अमित दास की फ्लैग हेड : खादगढ़ा बस स्टैंड. 15 माह में पूरा करना था निर्माण कार्य, 29 माह में भी है अधूरा, सीएम के आदेश की भी फिक्र नहीं तीन बार मिल चुका है एक्सटेंशन, प्रोजेक्ट कॉस्ट की लागत में भी चार करोड़ की हुई बढ़ोतरी संवाददाता, […]

ठेकेदार पर मेहरबान क्यों है सरकार तसवीर अमित दास की फ्लैग हेड : खादगढ़ा बस स्टैंड. 15 माह में पूरा करना था निर्माण कार्य, 29 माह में भी है अधूरा, सीएम के आदेश की भी फिक्र नहीं तीन बार मिल चुका है एक्सटेंशन, प्रोजेक्ट कॉस्ट की लागत में भी चार करोड़ की हुई बढ़ोतरी संवाददाता, रांची झारखंड सरकार राजधानी के सिंहद्वार के रूप में मशहूर खादगढ़ा बस स्टैंड का जीर्णोद्धार करनेवाली एजेंसी आरएस अग्रवाल इंफ्राटेक पर आखिरकार क्यों मेहरबान है. कंपनी को तीन-तीन बार एक्सटेंशन देने के बावजूद अब तक बस स्टैंड का निर्माण कार्य अधूरा है, जबकि राज्य के मुखिया रघुवर दास ने खुद नगर विकास व नगर निगम के अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वे हर हाल में 30 सितंबर तक बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूरा करवायें. ताकि दो अक्तूबर को इसका उदघाटन किया जा सके. परंतु मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ. अतिक्रमण मुक्त करा कर दिया निगम नेकंपनी की हर मांग पूरी की, लेकिन समय पर नहीं हुआ काम कंपनी की मांग पर बस स्टैंड के निर्माण में आ रही अड़चनों को निगम की ओर से तत्काल हटाया गया़ लेकिन स्टैंड निर्माण का काम समय पर पूरा नहीं हो सका़ बस स्टैंड का निर्माण कार्य 30 सितंबर तक पूरा हो, इसके लिए निगम ने सितंबर के पहले सप्ताह में ही कांटाटोली से अतिक्रमण हटाया. इस दौरान 200 से अधिक झोपड़ियों को तोड़ा गया एवं झोपड़ी में रह रहे लाेगों को मधुकम में बने बीएसयूपी आवास में शिफ्ट कराया गया. इसके अलावा निगम ने बस स्टैंड के पीछे स्थित पीएचइडी के बाउंड्री वाॅल को भी पीछे कर बस स्टैंड का निर्माण कर रही ठेकेदार को भूमि हैंडओवर कर दिया. लेकिन काम में कोई तेजी नहीं आयी. रास्ते का निर्माण अभी तक नहीं हुआ पूरा बस स्टैंड में मुख्य प्रशासनिक भवन का निर्माण किया गया है. इस भवन में बसों के लिए रैंप बनाया गया है ताकि बसें यहां रैंप पर लगे और लोग प्रशासनिक भवन से ही सीधे बस में चढ़ जायें. परंतु इस रैंप तक आनेवाले रास्ते का निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है. इसके अलावा प्रशासनिक भवन के रंगरोगन से लेकर खिड़की-दरवाजा लगाने का काम भी अभी बाकी है. चार करोड़ से अधिक बढ़ गयी लागत इधर, निर्माण कार्य में हो रहे विलंब के कारण बस स्टैंड के प्रोजेक्ट कॉस्ट में भी चार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हाे गयी है. प्रारंभ में यह योजना 10.66 करोड़ की थी, जो बढ़ कर 15 करोड़ तक पहुंच गयी है. पथ निर्माण विभाग की योजना यहां सड़क व नाली निर्माण करने की है, जिस पर दो करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी. जबकि नियमानुसार प्रारंभ में डीपीआर बनाते समय ही सड़क व नाली निर्माण कार्य का प्रोविजन होना चाहिए था. बस स्टैंड की फैक्ट फाइल13 जुलाई 2013 को तत्कालीन गर्वनर डॉ सैयद अहमद ने बस स्टैंड का शिलान्यास किया. 15 माह में बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूरा किया जाना थासितंबर 2014 में एजेंसी को छह माह का एक्स्टेंशन दिया गया. फिर मार्च 2015 में छह माह का एक्स्टेंशन दिया गया इसके बाद सितंबर से बढ़ा कर निर्माण कार्य की अंतिम डेडलाइन फरवरी 2016 कर दी गयी निर्माण कार्य अंतिम चरण में स्टैंड निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. मुख्य प्रशासनिक भवन तक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. प्रोजेक्ट में देरी की मुख्य वजह साइट क्लीयर नहीं होना था. हम जल्द ही बस स्टैंड निगम को हैंडओवर कर देंगे. रवि अग्रवाल, आरएस अग्रवाल इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड \\\\\\\\B

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