वहीं, चौथा वर्ष चयनित पार्टनर (मेदांता) को काम देने या न देने की भेंट चढ़ गया. अंतत: मेदांता ने भी कुछ लोगों के तथाकथित विरोध के कारण अस्पताल संचालन से हाथ खींच लिया. अब यह प्रश्न फिर से वहीं खड़ा है कि अस्पताल कैसे व कब तक संचालित होगा.
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विभाग के पास स्पष्ट जवाब नहीं, क्या सदर अस्पताल चलेगा?
रांची: रांची सदर अस्पताल परिसर में स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का संचालन कब व कैसे होगा, इसका स्पष्ट जवाब अभी विभाग के पास भी नहीं है. मोटे तौर पर पांच सौ बेड वाले इस अस्पताल का ढांचा वर्ष 2011 में ही बन गया, पर पहले संचालन मोड तय करने फिर पीपीपी मोड पर प्राइवेट पार्टनर […]
रांची: रांची सदर अस्पताल परिसर में स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का संचालन कब व कैसे होगा, इसका स्पष्ट जवाब अभी विभाग के पास भी नहीं है. मोटे तौर पर पांच सौ बेड वाले इस अस्पताल का ढांचा वर्ष 2011 में ही बन गया, पर पहले संचालन मोड तय करने फिर पीपीपी मोड पर प्राइवेट पार्टनर की तलाश में तीन वर्ष निकल गये.
मुख्यमंत्री व मंत्री लगातार कहते रहे हैं कि अस्पताल अब सरकार ही चलायेगी. इधर अस्पताल के भवन सहित फिनिशिंग का अन्य काम पूरा करने के लिए पुनरिक्षित टेंडर तैयार हो रहा है. विभाग का अनुमान है कि अधूरा काम पूरा करने में 20-25 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं, चिकित्सक व गैर चिकित्सकों के लिए पद सृजन की फाइल भी बढ़ायी गयी है. यानी विभाग एक तरह से अस्पताल संचालन की तैयारी कर रहा है. जानकारों के अनुसार निर्माण व पद सृजन के काम में छह माह से अधिक समय लग सकता है. इसके बाद ही संचालन की बात होगी.
दरअसल रांची का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल राज्य के लोगों के लिए उम्मीदों वाला अस्पताल है. सरकारी क्षेत्र में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की कमी को देखते हुए इसके निर्माण की योजना बनी थी. इस अस्पताल के संचालन को लेकर मामला दो वर्षों तक फंसा रहा. तीन वर्ष के निर्माण व करीब 141 करोड़ की लागत से इस अस्पताल का ढांचा वर्ष 2011 में बन कर लगभग तैयार हो गया, लेकिन आज तक शुरू नहीं हो सका है. गौरतलब है कि सरकार ने प्राइवेट पार्टनर की तलाश के लिए इंटरनेशनल फिनांस कंपनी को (आइएफसी) को बतौर कंसलटेंट 60 हजार डॉलर फीस अदा की थी.
अभी कई काम बाकी
अस्पताल का मुख्य भवन तो बन गया है, पर अभी कई काम बाकी हैं. लिफ्ट, खिड़की व दरवाजे के अलावा फर्श व फॉप्स रूफ अभी बनने हैं. दरअसल बनी चीज भी लंबे समय से बेकार रहने के कारण खराब हो रही है. गैस पाइप लाइन की शिल्डिंग कट-फट रही है.
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