Advertisement
जरूरी नहीं 1932 का खतियान : मुख्यमंत्री
जनता दरबार में बोले रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य में चल रही शिक्षक नियुक्ति में 1932 के खतियान की जरूरत नहीं है़ वह शनिवार को अपने आवास पर जनता दरबार में लोगों की समस्या सुन रहे थे़ जनता दरबार में कुल 299 लोगों से मुख्यमंत्री मिले. धुर्वा स्थित सेक्टर-दो की […]
जनता दरबार में बोले
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य में चल रही शिक्षक नियुक्ति में 1932 के खतियान की जरूरत नहीं है़ वह शनिवार को अपने आवास पर जनता दरबार में लोगों की समस्या सुन रहे थे़ जनता दरबार में कुल 299 लोगों से मुख्यमंत्री मिले. धुर्वा स्थित सेक्टर-दो की इंदु कुमारी भी जनता दरबार में पहुंची़ इंदु कुमारी का विकलांग कोटे से शिक्षक नियुक्ति में चयन हुआ है़
जनता दरबार में इंदु ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसका परिवार पिछले 45 वर्षों से झारखंड में रह रहा है़ पर उससे 1932 का आवासीय प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है. इंदु ने मुख्यमंत्री से कहा कि अब वह 1932 का अावासीय प्रमाण पत्र कहां से लाकर देगी़
उसने कहा कि चाहे तो सरकार इस बात की जांच करा ले कि उसका परिवार पिछले 45 सालों से रांची में रह रहा है या नहीं. उसने बताया कि उसकी पढ़ाई-लिखाई रांची में ही हुई. इंदु कुमारी की बातें सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा : 1932 के खतियान की कोई जरूरत नहीं है. इस पर मैं शिक्षा सचिव से बात करूंगा. जनता दरबार में सीएम के सचिव सुनील बर्णवाल, रांची के डीसी मनोज कुमार व एसएसपी प्रभात कुमार भी उपस्थित थे.
मांगा गया था आवासीय प्रमाण पत्र
इंदु कुमारी का चयन कक्षा एक से पांच में गढ़वा जिले में हुआ है़ उसे काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था़ काउंसलिंग के समय उसे बताया गया कि आरक्षण का लाभ लेने के लिए आवासीय प्रमाण पत्र देना होगा़ इंदु के पास शैक्षणिक आवासीय प्रमाण पत्र था, उसे मानने से इनकार कर दिया गया़ जिला शिक्षा अधीक्षक ने उसे सात दिन का समय दिया़ इसके बाद इंदु ने जब आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन दिया, तो उससे 1932 का खतियान मांगा गया़ खतियान नहीं होने के कारण उसका आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन पाया़ इंदु महिला व नि:शक्त कोटि में आरक्षण का लाभ लेना चाहती है़
शिक्षक नियुक्ति
आरक्षण का लाभ लेने के लिए रांची की इंदु से मांगा गया था आवासीय प्रमाण पत्र
1932 का खतियान नहीं होने से बन नहीं पा रहा था प्रमाण पत्र
मुख्यमंत्री के पास शिकायत लेकर पहुंची थी इंदु कुमारी
क्या है शिक्षक नियुक्ति नियमावली
शिक्षक नियुक्ति नियमावली में कहा गया है कि झारखंड सरकार द्वारा अधिसूचित जिला स्तरीय आरक्षण नियमों का पालन किया जायेगा़ आरक्षण का लाभ मात्र झारखंड सरकार के सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जाति, प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र के आधार पर अनुमान्य होगा़
आवासीय का क्या है प्रावधान : झारखंड सरकार ने आवासीय प्रमाण पत्र के संबंध में कोई अलग से आदेश जारी नहीं किया है़ झारखंड गठन के समय बिहार सरकार द्वारा निर्धारित नियम को अंगीगृत किया था़ इसी आधार पर आवासी प्रमाण पत्र बनाया जाता है़
राज्य में अभी दो तरह के आवासीय प्रमाण पत्र बनाये जाते है़ं एक स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र व दूसरा स्थायी आवासीय प्रमाण पत्र. स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र में सरकार द्वारा खतियान की मांग नहीं की जाती है, यह प्रमाण पत्र शैक्षणिक कार्यों के लिए बनाया जाता है़ वहीं स्थायी निवासी प्रमाण पत्र नौकरी के लिए दिया जाता है़ स्थायी प्रमाण पत्र के लिए प्रशासन द्वारा खतियान की मांग की जाती है़ खतियान जिलों में हुए अंतिम सर्वे के आधार पर मांगा जाता है़
29524 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया
कहां कितने पद
पुलिस 7129
इंडिया रिजर्व बटालियन(आदिम जनजाति) 1042
कीटपालक एवं समकक्ष नियुक्ति 110
वनरक्षी 2200
सचिवालय सहायक व संलग्न कार्यालय नियुक्ति 130
कनीय अभियंता 1000 से अधिक
डेयरी तकनीकी पदाधिकारी 35
ऊर्जा विकास निगम में अभियंता व लाइनमैन 597
प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षक 17000
जेपीएससी 277
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement