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रांची में अस्पताल तक चला रहे हैं बिना डिग्री के डॉक्टर

रांची : राजधानी और आसपास के इलाकों में फरजी डॉक्टरों की जांच के लिए बनी टीम ने सिविल सर्जन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है़ रिपोर्ट में कहा गया है कि रांची और आसपास के इलाकों में बिना डिग्री के कई डॉक्टर मरीजों को देख रहे हैं. यही नहीं, कई फरजी डॉक्टर तो अस्पताल तक […]

रांची : राजधानी और आसपास के इलाकों में फरजी डॉक्टरों की जांच के लिए बनी टीम ने सिविल सर्जन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है़ रिपोर्ट में कहा गया है कि रांची और आसपास के इलाकों में बिना डिग्री के कई डॉक्टर मरीजों को देख रहे हैं. यही नहीं, कई फरजी डॉक्टर तो अस्पताल तक का संचालन कर रहे हैं. इन अस्पतालों में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजाें का इलाज कर रहे हैं. सर्जरी यानी अॉपरेशन भी कर रहे हैं. इससे मरीजों की जान को खतरा रहता है़ . टीम ने ऐसे फरजी डॉक्टरों और अस्पताल संचालकों पर कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की है़.
बेड़ो में पाया गया फरजी अस्पताल : रिपोर्ट में कहा गया है कि बेड़ो चट्टी स्थित गांधी मेडिकल सेंटर अस्पताल को जांच के क्रम में फरजी पाया गया है़.
अस्पताल में डॉक्टर कहे जानेवाले श्यामल किशोर सिंह के पास कोई वैध डिग्री नहीं है़ . उन्होंने किसी अस्पताल से प्रशिक्षण भी नहीं लिया है़ इसके बाद भी वह 20 बेड का अस्पताल चलाते हैं. अस्पताल का पंजीयन तक नहीं है़ रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच करने गयी टीम ने उनसे प्रमाण पत्र मांगा, पर वह प्रस्तुत नहीं कर सके़. टीम ने पाया कि जिला परिषद बेड़ो के सामने जामटोली रोड पर कई फरजी डाॅक्टरों ने अवैध रूप से क्लिनिक खोल रखा है़ . इनके पास काेई वैध डिग्री नहीं है.
मासूम की जिंदगी से खेल रहे फरजी डाॅक्टर : जांच टीम की रिपोर्ट के अनुसार, बेड़ो स्थित संजीवनी क्लिनिक एंड पैथोलॉजी चलानेवाले एस कुमार बिना डिग्री के ही शिशु रोग विशेषज्ञ बन गये हैं. वह मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बच्चों का इलाज करते हैं और स्थिति बिगड़ जाने के बाद बड़े अस्पतालों में रेफर कर देते हैं. जिस परची पर बच्चों को परामर्श देते हैं, उस पर उनकी डिग्री एमबीबीएस (बायो) लिखा हुआ है. बेड़ो में ही सावत्री क्लिनिक में एमपी साहू भी गलत तरीके से मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उनके पास भी डिग्री नहीं है़.
माया उरांव की होमियाेपैथी डिग्री पर भी शक : जांच टीम हरमू हाउसिंग कॉलोनी स्थित माया उरांव के आवास पर भी गयी़ उन्होंने जांच टीम को डीएचएमएस का प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिखाया. टीम को बताया कि वह 2000 से प्रैक्टिस कर रहे हैं. मरीजों को होमियोपैथी दवाएं देते है़ं. सर्दी-खांसी का इलाज एलोपैथी से करते हैं. इसके अलावा ड्रेसिंग का कार्य भी करते हैं. पर जांच टीम ने उनके क्लिनिक में होमियोपैथी औषधि नहीं पायी़ क्लिनिक में आइवी फ्लूड व एलाेपैथ की दवाएं पायी गयी. टीम को शक है कि माया उरांव के पास जो डिग्री है, वह भी सही नहीं है.
कोकर की दवा दुकान की भी जांच : टीम कोकर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक दवा दुकान में भी गयी़ यहां मरीजों का इलाज करनेवाले व्यक्ति ने खुद को शेर मोहम्मद बताया. उसने डिप्लोमा इन ऑपरेशन थियेटर टेक्निक की डिग्री प्रस्तुत की. उन्होंने टीम को बताया कि वह मरीजों का ब्लड प्रेशर मापने व ड्रेसिंग का कार्य करते हैं.
टीम में कौन-कौन थे : डॉ आरएन शर्मा (जिला मलेरिया पदाधिकारी), प्रणव प्रभात (औषधि निरीक्षक)
जांच टीम ने पाया फरजीवाड़ा
बेड़ो चट्टी स्थित गांधी मेडिकल सेंटर अस्पताल फरजी़ संचालक श्यामल किशोर के पास डिग्री नहीं
बेड़ो के जामटोली रोड पर कई फरजी डाॅक्टरों ने अवैध रूप से खोल रखा है क्लिनिक
बेड़ो स्थित संजीवनी क्लिनिक चलानेवाले एस कुमार बिना डिग्री के कर रहे बच्चों का इलाज
सावत्री क्लिनिक, बेड़ो में एमपी साहू गलत तरीके से इलाज कर रहे हैं
हरमू कॉलोनी में माया उरांव ने दिखाया हाेमियाेपैथी का प्रोविजनल सर्टिफिकेट, टीम को है शक
न्यू मधुकम के जय शंकर शर्मा व खादगढ़ा में चौधरी धर्मशाला के पास क्लिनिक चलानेवाले विनोद कुमार ने होमियोपैथी की डिग्री दिखायी, जबकि एलोपैथी से इलाज करते हैं.
पिस्का मोड़ में मरीजों को देखनेवाले आेमप्रकाश के अजय मेडिकल हॉल में टीम को बताया गया कि वह खाने गये हैं. शाम पांच बजे आयेंगे. हालांकि वह शाम को भी नहीं मिले़ . आसपास के लोगों ने बताया कि वह भाग गये हैं. टीम को सूचना है कि उनके पास भी वैध डिग्री नहीं है.
कार्रवाई की अनुशंसा की
दवा दुकानदार अपने यहां डॉक्टरों के क्लिनिक तो बना देते हैं, लेकिन वह क्लिनिकल इस्टेबलिसमेंट एक्ट के तहत पंजीयन नहीं कराते. क्लिनिक पर वैध डिग्रीधारी डॉक्टरों को ही बैठने की अनुमति हो. अगर दुकानदार ऐसा नहीं करते, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाये. जांच प्रतिवेदन में जो लोग गलत पाये गये हैं, उन पर समुचित कार्रवाई की जाये.समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाये.
‘‘जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. टीम ने पाया है कि गलत तरीके से लोग अस्पताल व क्लिनिक चला रहे हैं. उनसे स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. इसके बाद उनके अस्पताल व क्लिनिक को बंद कराया जायेगा. कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
डॉ गोपाल श्रीवास्तव
सिविल सर्जन, रांची

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