स्मार्ट सिटी जैसी नयी योजनाओं में मजदूरों का स्थान भी सुनिश्चत किया जाये़ वह मंगलवार को ‘अंतर राज्यीय प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के समाधान’ विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय सेमिनार में बोल रहे थे़ इसका आयोजन रोजा लक्जमबर्ग फाउंडेशन व सोसाइटी फॉर लेबर एंड डेवलपमेंट की ओर से बहुबाजार स्थित एचपीडीसी सभागार में किया गया़.
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250 दिनों के काम की गारंटी मिले: भुवनेश्वर
रांची: सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्वर केवट ने कहा कि शहरी मजदूरों को 250 दिनों के काम की गारंटी मिलनी चाहिए़ श्रम कानूनों को मजदूरों के हित के संशोधनों के साथ सख्ती से लागू किया जाये़ कंपनियों के लाभ का 25 फीसदी मजदूरों के कल्याण पर खर्च करने का प्रावधान हो़ . स्मार्ट सिटी जैसी नयी योजनाओं […]
रांची: सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्वर केवट ने कहा कि शहरी मजदूरों को 250 दिनों के काम की गारंटी मिलनी चाहिए़ श्रम कानूनों को मजदूरों के हित के संशोधनों के साथ सख्ती से लागू किया जाये़ कंपनियों के लाभ का 25 फीसदी मजदूरों के कल्याण पर खर्च करने का प्रावधान हो़ .
सिर्फ अधिकार नहीं, काम मिलना भी चुनौती
गोपीनाथ घोष ने कहा कि हम अब तक असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को एकजुट नहीं कर पाये है़ं वर्तमान सांप्रदायिक तनाव का बुरा प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर हो रहा है़ दूसरे राज्यों में जा कर लापता हुए घरेलू कामगारों के परिजन एफआइआर नहीं कराते़ इसके कारणों की पड़ताल करने की जरूरत है़ पत्रकार रंजीत प्रसाद सिंह ने कहा कि गांवों को भी स्मार्ट बनाने की पहल हाेनी चाहिए़ उन्होंने किसानों की आत्महत्या से जुड़े सवाल भी उठाये़ इस मौके पर फैसल अनुराग, राजीव कुमार, हरेराम मिश्रा, परिमल माया सुधाकर व अन्य ने भी विचार रखे़
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