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विवि में सीनेट व सिंडिकेट के 80 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त
रांची : राज्य सरकार द्वारा मनोनीत रांची विवि, विनोबा भावे विवि, सिदो-कान्हू मुरमू विवि, कोल्हान विवि व नीलांबर-पीतांबर विवि में सिंडिकेट व सीनेट के सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया है. इनका मनोनयन वर्ष 2011 में ही किया गया था. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011 में 26 सिंडिकेट व 54 सीनेट सदस्यों का मनोनयन किया […]
रांची : राज्य सरकार द्वारा मनोनीत रांची विवि, विनोबा भावे विवि, सिदो-कान्हू मुरमू विवि, कोल्हान विवि व नीलांबर-पीतांबर विवि में सिंडिकेट व सीनेट के सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया है. इनका मनोनयन वर्ष 2011 में ही किया गया था. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011 में 26 सिंडिकेट व 54 सीनेट सदस्यों का मनोनयन किया गया था. मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए होता है.
रांची विवि में सिंडिकेट सदस्य के रूप में तापस मल्लिक, रामचंद्र नायक, प्रो दिनेश उरांव, पवन साहु, रूपलक्ष्मी मुंडा का मनोयन किया गया था. इसी प्रकार सीनेट सदस्य के रूप में प्रतुलनाथ शाहदेव, शिवशंकर उरांव, अमित कुमार, प्रो रंजीत सिंह, डॉ ब्रजेश कुमार, धनंजय कुमार सिन्हा,डॉ श्रुति चौधरी, डॉ भीम प्रभाकर सिंह, डॉ अजय चट्टोराज, प्रो हरिकिशोर सिंह व प्रो रामकिशोर भगत शामिल थे. नियमानुसार सितंबर 2014 में इनका कार्यकाल समाप्त हो गया था. विवि एक्ट के आधार पर नये सदस्यों के मनोनयन होने तक इन्हें एक वर्ष का विस्तार मिला था. विस्तार के बाद भी 27 सितंबर 2015 को इनका कार्यकाल पूरा हो गया. इनमें शिव शंकर उरांव विधायक कोटे से फिर सदस्य बने हैं.
सीनेट सदस्य के रूप में मुख्य रूप से प्रतुलनाथ शाहदेव, डॉ भीम प्रभाकर आदि ने विवि की कई प्रमुख मुद्दों सहित समस्याअों को सीनेट की बैठक में उजागर किया. इसमें मुख्य रूप से बीपीएल छात्रों के नामांकन, छात्र हित सहित संघ का चुनाव, सीनेट की बैठक समय पर बुलाने, विवि अंतर्गत कॉलेजों की विवादित भूमि को बचाने, पूर्व कुलपति द्वारा विदेश दौरा पर नियम विरूद्ध खर्च, एटीआर जारी करने, अॉडिट कराने आदि जैसे मुद्दों को उठाया.
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