प्रोस्टेट का इलाज संभव है, लेकिन सही समय पर. पीएसए की जांच से इस बीमारी का पता किया जा सकता है. लेप्रोस्कोपी के माध्यम से एक छोटा छिद्र कर ऑपरेशन किया जाता है. यह बीमारी सामान्यत: 50 साल से अधिक की उम्र में होती है, इसलिए बढ़ती उम्र में प्रोस्टेट की स्क्रीनिंग करानी चाहिए.
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प्रोस्टेट कैंसर से हर मिनट 18 की मौत : डॉ अरविंद
रांची: प्रोस्टेट कैंसर की चपेट में आनेवाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. भारत में भी इस बीमारी से लाखों लोग पीड़ित हैं. देश में हर 18 मिनट में एक व्यक्ति की मौत प्रोस्टेट कैंसर के कारण हो रही है. उक्त बातें शुक्रवार को यूरोलॉजिस्ट डॉ अरविंद अग्रवाल ने कहीं. उन्होंने कहा कि […]
रांची: प्रोस्टेट कैंसर की चपेट में आनेवाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. भारत में भी इस बीमारी से लाखों लोग पीड़ित हैं. देश में हर 18 मिनट में एक व्यक्ति की मौत प्रोस्टेट कैंसर के कारण हो रही है. उक्त बातें शुक्रवार को यूरोलॉजिस्ट डॉ अरविंद अग्रवाल ने कहीं. उन्होंने कहा कि 2014 के आंकड़ों की मानें तो 2.82 लाख लोगों का प्रोस्टेट कैंसर का इलाज चला, जिसमें 28 हजार लोगों की मौत हो गयी.
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
जल्दी-जल्दी पेशाब लगना, पेशाब करने में जोर लगाना, पेशाब देर से होना व रुक-रुक कर होना, पेशाब में रुकावट होना, पेशाब से खून आना एवं हड्डियों में दर्द होना.
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