इन महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के विकास में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी के लिए सिविल डिफेंस की प्रणाली को भी कारगर बनाया जायेगा तथा देवघर में क्यू कॉम्प्लेक्स के पहले फेज का निर्माण अगले श्रावणी मेला 2016 से पहले हर हाल में पूरा किया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवघर स्थित मानसरोवर तालाब की शीघ्र सफाई होगी एवं चानन नदी के पानी के उपयोग की व्यवस्था की जायेगी, ताकि देवघर का भू-जलस्तर बना रहे. देवघर से बासुकीनाथ के लिए 26 किमी के वैकल्पिक कांवरिया पथ का मनरेगा से निर्माण किया जायेगा एवं पथों के किनारे छायादार वृक्ष लगाये जायेंगे. देवघर-बासुकीनाथ मुख्य पथ को फोर लेन बनाया जायेगा. देवघर बाबा मंदिर के लिए अतिरिक्त थाना एवं बासुकीनाथ धाम के लिए अतिरिक्त पुलिस आउट पोस्ट स्थापित किया जायेगा. राज्य सरकार रेल मंत्रालय से अनुरोध करेगी कि जसीडीह एवं देवघर रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जाये. उन्होंने श्राईन बोर्ड के पंडा धर्मरक्षिणी सभा के सदस्यों से अपील की कि देवघर एवं बासुकीनाथ मंदिरों की कार्य संस्कृति में बदलाव के लिए अपने स्तर से भी बैठक कर प्रयास करें, ताकि हरेक आनेवाला पर्यटक इन तीर्थों की तारीफ करके जाये.
श्राईन बोर्ड की इस प्रथम बैठक में विभिन्न सदस्यों ने अलग-अलग सुझाव भी दिये. कुछ सुझाव आये कि वैष्णो देवी के तर्ज पर श्रद्धालुओं का बीमा कराया जाये. वहीं, कुछ लोगों ने तिरुपति के तर्ज पर सुविधा देने का सुझाव दिया. पर्यटन विभाग एवं देवघर जिला प्रशासन के द्वारा देवघर बासुकीनाथ में संस्थागत सुधार एवं अधिसंरचना निर्माण के संबंध में प्रजेंटेशन दिया गया.
बैठक में पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी, सांसद निशिकांत दुबे, विधायक बादल पत्रलेख, पूर्व सांसद अभय कांत प्रसाद, मुख्य सचिव राजीव गौबा, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय, धर्मरक्षिणी सभा बासुकीनाथ के अध्यक्ष मनोज पंडा एवं अध्यक्ष नगर पंचायत बासुकीनाथ मंटू कुमार लाहा उपस्थित थे.