इसके अलावा आरोपियों के मोबाइल नंबर का सीडीअार निकाल विश्लेषण करना है, लेकिन इन तीनों महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच के लिए पुलिस के स्तर से सिर्फ प्रक्रिया ही शुरू हो सकी है़ उल्लेखनीय है कि मेयर चुनाव के एक दिन पूर्व सात अप्रैल, 2013 को पुलिस की एक टीम ने होटल सिटी पैलेस में छापेमारी की थी़ छापेमारी के दौरान पुलिस को 21़ 90 लाख रुपये मिले थे़ जांच में यह भी पाया गया था कि रुपये मतदान के दिन बांटे जाने थे़ पूर्व में मामले के अनुसंधान में लापरवाही बरतने को लेकर तत्कालीन सिटी डीएसपी सतन सोरेन से स्पष्टीकरण पूछा जा चुका है़ वह अपना जवाब सात जुलाई को दे चुके है़ं, जिसमें उन्हें विभागीय कारणों का हवाला देते हुए जांच नहीं पूरा होने के संबंध में वरीय अधकारियों को बताया था़ इसके बावजूद केस के अनुसंधान में 10 सितंबर तक कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है़
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डीजीपी के आदेश के बावजूद डीएसपी पूरी नहीं कर पा रहे जांच
रांची. हाइकोर्ट की ओर से डीजीपी को मॉनिटरिंग करने के अादेश के बावजूद नोट फॉर वोट के मामले की जांच पूरी नहीं हो पा रही है़ इस मामले में अब केस के अनुसंधानक सिटी डीएसपी सुदर्शन कुमार आस्तिक है़ं उन्हें मामले में कुल 24 बिंदुओं पर जांच करनी थी, ताकि आरोपियों के विरुद्ध ठोस साक्ष्य […]
रांची. हाइकोर्ट की ओर से डीजीपी को मॉनिटरिंग करने के अादेश के बावजूद नोट फॉर वोट के मामले की जांच पूरी नहीं हो पा रही है़ इस मामले में अब केस के अनुसंधानक सिटी डीएसपी सुदर्शन कुमार आस्तिक है़ं उन्हें मामले में कुल 24 बिंदुओं पर जांच करनी थी, ताकि आरोपियों के विरुद्ध ठोस साक्ष्य एकत्र हो सके, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो सकी है़ इस मामले में पुलिस को आरोपियों का ब्रेन मैपिंग और पॉलिग्राफी टेस्ट भी करना है़ वहीं होटल में बैठक के दिन जब्त रजिस्टर के आधार पर वहां मौजूद लोगों के हस्ताक्षर का मिलान भी करना है.
इसके अलावा आरोपियों के मोबाइल नंबर का सीडीअार निकाल विश्लेषण करना है, लेकिन इन तीनों महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच के लिए पुलिस के स्तर से सिर्फ प्रक्रिया ही शुरू हो सकी है़ उल्लेखनीय है कि मेयर चुनाव के एक दिन पूर्व सात अप्रैल, 2013 को पुलिस की एक टीम ने होटल सिटी पैलेस में छापेमारी की थी़ छापेमारी के दौरान पुलिस को 21़ 90 लाख रुपये मिले थे़ जांच में यह भी पाया गया था कि रुपये मतदान के दिन बांटे जाने थे़ पूर्व में मामले के अनुसंधान में लापरवाही बरतने को लेकर तत्कालीन सिटी डीएसपी सतन सोरेन से स्पष्टीकरण पूछा जा चुका है़ वह अपना जवाब सात जुलाई को दे चुके है़ं, जिसमें उन्हें विभागीय कारणों का हवाला देते हुए जांच नहीं पूरा होने के संबंध में वरीय अधकारियों को बताया था़ इसके बावजूद केस के अनुसंधान में 10 सितंबर तक कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है़
मामले में कुछ बिंदुओं पर अनुसंधान जारी है़ हस्ताक्षर का मिलान करने लिए एफएसल के पास भेजा गया है़ मामले में पूर्व में आरोपियों के खिलाफ तीन बार चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. जल्द ही सभी बिंदुओं पर अनुसंधान पूरा कर लिया जायेगा़
सुदर्शन कुमार आस्तिक, सिटी डीएसपी, रांची
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