उन्होंने कहा कि वकालत चुनौतीपूर्ण पेशा है. इसमें पहले पांच साल तक वकीलों को संघर्ष करना पड़ता है. वकीलों से इससे घबराना नहीं चाहिए. वकील किसी भी कीमत पर ईमानदारी से समझौता नहीं करें. समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ पेशे से जुड़े रहें. सफलता अवश्य मिलेगी. समारोह में नये इनरोल 77 वकीलों को लाइसेंस प्रदान किया गया.
उन्होंने कहा कि रिसर्च टीम बना कर युवा वकीलों की सेवा ली जा सकती है. कानून में लगातार बदलाव हो रहे है. ऐसे में वकीलों की ट्रेनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए. महाधिवक्ता विनोद पोद्दार ने कहा कि इस पेशे में गुरु-शिष्य की परंपरा देखने को मिलती है. नये वकील शुरुआती दिनों में सीनियर्स के मार्गदर्शन में काम करते हैं. परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में वकील ईमानदारी के साथ पेशे से जुड़े रहें. बार काउंसिल के चेयरमैन राजीव रंजन ने स्वागत भाषण में नये इनरोल वकीलों को बधाई दी.
वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल ने काउंसिल की ओर से चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सह बार काउंसिल के सदस्य महेश तिवारी ने किया. मौके पर काउंसिल के सदस्य वरीय अधिवक्ता सुहैल अनवर, मिलन कुमार डे, गोपेश्वर झा, बालेश्वर सिंह, प्रकाश झा, रामसुभग सिंह, एसएस ओझा, अमित कुमार दास, परमेश्वर मंडल, राधेश्याम गोस्वामी, प्रकाश महतो समेत कई वकील उपस्थित थे.