सरकारी बैंकों में अंशपूजी 51 प्रतिशत से घटाकर 33 प्रतिशत करने का प्रयास कर रही है. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी निजीकरण के मंसूबे दर्शाते हैं. बैंककर्मियों की प्रमुख मांगों में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर रोक लगाने, श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने, आउटसोर्सिंग पर रोक, रिक्त पदों पर नियुक्तियां, ग्रामीण बैंक संशोधन बिल रद्द करना आदि शामिल है. बंद को लेकर केनरा बैंक की मुख्य शाखा में संगठनों की बैठक हुई.
रैली के समर्थन में एक सितंबर को शाम 5.15 बजे रांची विवि के पास से रैली निकाली जायेगी, जो सैनिक बाजार में आम सभा में तब्दील हो जायेगी. उधर, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन की झारखंड इकाई के उपाध्यक्ष प्रशांत शांडिल्य ने कहा कि हड़तालियों की मांग उचित है, इसलिए नैतिक समर्थन दिया गया है. एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन के राजेश त्रिपाठी ने कहा कि दो सितंबर को बैंकों में कामकाज तो होगा, लेकिन हड़ताली कर्मियों को समर्थन रहेगा.