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रांची में एंजियोग्राफी की फीस में इतना अंतर क्यों!

रांची : हृदय रोगियों की जांच के लिए राज्य के अस्पताल अलग-अलग फीस वसूल रहे हैं. मेदांता अब्दुर्र रज्जाक अंसारी वीवर्स अस्पताल में एंजियोग्राफी के लिए मरीजों से 14,000 रुपये लिये जाते हैं. ऑर्किड में आठ हजार और आलम फोर्टिस में मरीजों से 10 से 12 हजार फीस ली जाती है. वहीं, रिम्स में इसके […]

रांची : हृदय रोगियों की जांच के लिए राज्य के अस्पताल अलग-अलग फीस वसूल रहे हैं. मेदांता अब्दुर्र रज्जाक अंसारी वीवर्स अस्पताल में एंजियोग्राफी के लिए मरीजों से 14,000 रुपये लिये जाते हैं. ऑर्किड में आठ हजार और आलम फोर्टिस में मरीजों से 10 से 12 हजार फीस ली जाती है.

वहीं, रिम्स में इसके लिए मरीजों से 6000 रुपये लिये जाते हैं. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि एंजियोग्राफी की जांच के लिए एक अस्पताल को अधिकतम छह हजार रुपये तक खर्च आता है. एंजियोग्राफी में इस्तेमाल किये जानेवाले उपकरणों में कुछ का प्रयोग तीन से चार मरीजों में किया जाता है. इससे पहले इसकी रिसाइक्लिंग की जाती है. इससे अस्पतालों का खर्च घट कर तीन से साढ़े तीन हजार तक पहुंच जाता है. हालांकि इन उपकरणों का उपयोग एक ही बार करने का स्पष्ट निर्देश है.

कैथ लैब के खर्च व व्यवस्था की दलील : अस्पताल प्रबंधन अपने कैथ लैब के खर्च और व्यवस्था की दलील देते हैं. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि कैथ लैब को स्थापित करने में काफी खर्च आता है. जांच की फीस में इस खर्च को भी जोड़ा जाता है. चिकित्सक और पारा मेडिकल स्टॉफ का खर्च भी इसी में जुड़ा होता है. इस कारण एंजियोग्राफी की फीस अधिक हो जाती है.
केस स्टडी
मरीज को हॉर्ट ब्लॉकेज का दिखाया भय
दीपाटोली की रहनेवाली विमला सिंह (बदला हुआ नाम) को सीने में दर्द हुआ. परिजन उन्हें एक निजी अस्पताल ले गये. चिकित्सकों ने दिल की बीमारी बताते हुए तत्काल एंजियोग्राफी की सलाह दी. परिजनों से 12,000 रुपये जमा करने को कहा गया. बाद में अस्पताल प्रबंधन आठ हजार रुपये में एंजियोग्राफी करने को तैयार हो गया. संदेह होने पर परिजन दूसरे चिकित्सक से सलाह लेने गये, जहां उन्हें बताया गया कि ऐसी कोई बात नहीं. दूसरे चिकित्सक ने कुछ दवाएं लिखी, जिसे लेने के बाद विमला पिछले एक साल से स्वस्थ है.
…जब आइसीयू से भागा मरीज
रांची के एक व्यक्ति को सीने में दर्द हुआ. परिजन उसे एक निजी अस्पताल में ले गये. मरीज को आइसीयू में भरती कर लिया गया. बताया गया कि हार्ट में ब्लॉकेज हो गया है, तत्काल एंजियोग्राफी करनी होगी. बाद में मरीज के परिजन राज्य के एक बड़े सरकारी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ से मिले. मरीज की समस्या की जानकारी दी गयी. चिकित्सक की सलाह पर मरीज को निजी अस्पताल के आइसीयू से उठा कर उनके पास ले गये. जांच के बाद चिकित्सक ने मरीज को दवा दी, जिससे वह पूरी तरह स्वस्थ है.
क्या है एंजियोग्राफी
हृदय रोगियों के हृदय की धमनियों की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए एंजियोग्राफी जांच की जाती है. जांच के माध्यम से यह देखा जाता है कि हृदय की धमिनयां कितनी अवरुद्ध है. जांच से यह स्पष्ट हाे जाता है कि मरीज को स्टेंट लगाने की जरूरत है या उसकी आेपन हार्ट सर्जरी की.
जांच के उपकरण : जेआर कैथेटर, जेएल कैथेटर, ओमसी पैक, जैलोकेन दवा, सीट, चार पेयर ग्लब्स, गाइड वायर, दो सीरींज
किस अस्पताल में एंजियोग्राफी
की कितनी फीस (रुपये में)
अस्पताल फीस
मेदांता 14000
ऑर्किड 8000
मेडिका 6000
आलम फोर्टिस 10 से 12 हजार
रिम्स 6000

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