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मध्याह्न भोजन के रसोइयों का मानदेय बढ़ा

रांची: मंत्रिपरिषद ने मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय 500 रुपये बढ़ाने का फैसला किया. ट्रांसमिशन लाइन, सब-स्टेशन सहित बिजली सुधार के अन्य कार्यों के लिए 454 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी. जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए राज्य से पंचायत स्तर पर निगरानी समिति के गठन का फैसला किया. एसआइटी को […]

रांची: मंत्रिपरिषद ने मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय 500 रुपये बढ़ाने का फैसला किया. ट्रांसमिशन लाइन, सब-स्टेशन सहित बिजली सुधार के अन्य कार्यों के लिए 454 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी.

जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए राज्य से पंचायत स्तर पर निगरानी समिति के गठन का फैसला किया. एसआइटी को क्रियाशील करने के लिए पदों के सृजन की स्वीकृति दी. सिंगल विंडो सिस्टम के लिए विधेयक के प्रारूप को मंजूर किया. धनबाद के एसपी के पद को सीनियर एसपी के पद में अपग्रेड करने का फैसला किया.

कैबिनेट द्वारा रसोइयों का मानदेय बढ़ाने के फैसले से अब उनको एक हजार के बदले 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से मानदेय मिलेगा. मानदेय बढ़ोतरी की वजह से सरकार पर सालाना 40.60 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ेगा. जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए बनायी जाने वाली राज्य स्तरीय निगरानी समिति के अध्यक्ष खाद्य आपूर्ति मंत्री होंगे. ग्रामीण विकास, नगर विकास, स्वास्थ्य, कृषि, स्कूली शिक्षा, समाज कल्याण और कल्याण विभाग के मंत्री इसके सदस्य होंगे. विभाग द्वारा मनोनीत दो सांसद, पांच विधायक भी इसके सदस्य होंगे. इसके अलावा ग्रामीण विकास, नगर विकास, स्वास्थ्य, कृषि, स्कूली शिक्षा, कल्याण और समाज कल्याण विभाग के सचिव निगरानी समिति के सदस्य होंगे.

विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला वर्ग के एक-एक सदस्यों को भी इसमें शामिल किया जायेगा. नि:शक्त वर्ग के एक व्यक्ति और जन वितरण प्रणाली के दो दुकानदार भी इसके सदस्य होंगे. जिला स्तरीय समिति में जिले के प्रभारी मंत्री अध्यक्ष होंगे. जिला परिषद के अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, एसडीओ, जिला परिषद के उपाध्यक्ष, सभी नगर निकायों के अध्यक्ष, जिले के सभी विधायक के अलावा विभाग द्वारा मनोनीत छह व्यक्ति में से एक-एक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला निगरानी समिति के सदस्य होंगे. पंचायत स्तर पर मुखिया और शहरी निकाय के स्तर पर नगर निकाय के पार्षद इसके सदस्य होंगे.

अनुसूचित जनजातियों के अवैध हस्तांतरण के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) को क्रियाशील करने के लिए अध्यक्ष, सदस्य और सदस्य सचिव के पदों का सृजन की स्वीकृति दी गयी. सरकारी जमीन के हस्तांतरण को लोकनीति के विरुद्ध घोषित करते हुए केसर-ए-हिंद, गैर मजरूआ आम, गैर मजरूआ खास, वन भूमि के हस्तांतरण पर पाबंदी लगाने का फैसला किया.

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