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शौकिया तौर पर अपराध कर बैठते हैं बच्चे: जस्टिस नवीन सिन्हा

रांची: छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा ने कहा कि आज के 12 से 15 साल के युवा पहले तो छोटे-छोटे अपराधों में शौकिया तौर पर शामिल होते हैं, लेकिन बाद में यह उनकी आदतों में शुमार हो जाता है. इसके लिए मुख्य रूप से घरों का टूटना, गरीबी, अशिक्षा और हिंसात्मक वीडियो गेम […]

रांची: छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा ने कहा कि आज के 12 से 15 साल के युवा पहले तो छोटे-छोटे अपराधों में शौकिया तौर पर शामिल होते हैं, लेकिन बाद में यह उनकी आदतों में शुमार हो जाता है. इसके लिए मुख्य रूप से घरों का टूटना, गरीबी, अशिक्षा और हिंसात्मक वीडियो गेम जिम्मेवार होते हैं. बच्चों को इनसे दूर रखने का प्रयास हम सभी को मिलजुल कर करना चाहिए.

जस्टिस सिन्हा रविवार को राजधानी में झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार और यूनिसेफ की ओर से आयोजित सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बच्चों में असीम ऊर्जा होती है, लेकिन आवश्यता है ऊर्जा को सही तरीके से इस्तेमाल करने की, उन्हें राह दिखाने की. बच्चों के मनोविज्ञान को समझ कर उसके अनुसार काम करने की जरूरत है. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में ऐसे तमाम प्रावधान हैं, जिसके अनुसार काम किया जाये, तो समस्या पर काबू पाया जा सकता है. जस्टिस डीएन पटेल ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.
अब तक राज्य में सरकार द्वारा संचालित एक भी शेल्टर होम नहीं है. हालांकि राज्य में 27 बाल मित्र थाने बनाये गये हैं. आनेवाले समय में इनकी संख्या और भी बढ़ेगी. जस्टिस आरआर प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया. सेमिनार में हाइकोर्ट के सभी जज, महाधिवक्ता, अपर महाधिवक्ता, न्यायिक पदाधिकारी, आइजी संपत मीणा, यूनिसेफ की डॉ मधुलिका जोनाथन, गृह विभाग के संयुक्त सचिव अबु इमरान, जेजे बोर्ड के सदस्य सीडब्ल्यूसी के सदस्य सहित सैकड़़ों अधिवक्ता मौजूद थे.
बच्चों के कल्याण के प्रति जागरूकता जरूरी: चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह
सेमिनार में झारखंड हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वीरेंदर सिंह ने कहा कि बच्चों के कल्याण के प्रति जागरुकता बहुत ही आवश्यक है. राज्य में पिछले दिनों कुछ काम किये गये हैं और बहुत कुछ किया जाना बाकी है. मुख्य न्यायाधीश ने खूंटी डीडीसी द्वारा एक बच्ची के साथ छेड़छाड़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अब हमें इस दिशा में गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है. इसमें सभी वर्गों की भूमिका महत्वपूर्ण है. विशेष रूप से जेजे बोर्ड और सीडब्ल्यूसी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. राज्या से हजारों बच्चे काम करने बाहर जाते हैं और वहां उनका शोषण होता है. पिछले चार माह में एक हजार से अधिक बच्चों को वापस लाया गया है. राज्य सरकार मुस्कान नाम से अॉपरेशन भी चला रही है.

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