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झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव गिरफ्तार, पुलिस कर रही है पूछताछ

हजारीबाग / रांची : झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को पुलिस ने रांची से गिरफ्तार किया है. उनपर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप है. हजारीबाग जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल माइनिंग प्रोजेक्ट के विरुद्ध उनपर भीड़ को उकसाने का भी आरोप है. आपको बता दें कि 14 अगस्त को […]

हजारीबाग / रांची : झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को पुलिस ने रांची से गिरफ्तार किया है. उनपर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप है. हजारीबाग जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल माइनिंग प्रोजेक्ट के विरुद्ध उनपर भीड़ को उकसाने का भी आरोप है. आपको बता दें कि 14 अगस्त को उनके द्वारा बड़कागांव के प्रतिबंधित क्षेत्र में एक रैली का आयोजन किया गया था.

इस रैली के बाद इलाके में हिंसा हुयी थी जिसमें कई लोग घायल हो गये थे. भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी थी जिसके बाद पुलिस ने 2000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था साथ ही योगेंद्र साव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. योगेंद्र साव को आज रांची से उनके रिश्‍तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया जिसके बाद हजारीबाग पुलिस उनको अपने साथ ले गयी. खबर लिखे जाने तक उनसे पुलिस सदर थाने में पूछताछ कर रही है.

क्या है मामला

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और बड़कागांव विधायक निर्मला देवी के नेतृत्व में 14 अगस्त को बड़कागांव के जीडीएम बालिका उच्च विद्यालय में एनटीपीसी के विरुद्ध किसान महारैली आयोजित की गयी थी. रैली में भाग लेने के लिए सुबह से ही किसान और रैयत जीडीएम बालिका उच्च विद्यालय पहुंचने लगे थे. वहीं, पुलिस रैयतों को स्कूल मैदान में जाने से रोक रही थी. इसके बाद भी बड़ी संख्या में रैयत रैली में भाग लेने पहुंचे. रैली में योगेंद्र साव, विधायक निर्मला देवी समेत अन्य रैयत विस्थापित व किसान नेता मौजूद थे. रैली समाप्त होने के बाद दिन के एक बजे रैयत ढेंगा गांव स्थित आरएन कॉलोनी की ओर बढ़ने लगे. यहां पहले से ही पुलिस तैनात थी. रैयतों का आरएन कॉलोनी के खेत में धान रोपनी का कार्यक्रम था. पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. इस बीच विवाद बढ़ गया.

पुलिस को करना पड़ा था लाठी चार्ज

रैली के बाद इलाके में हिंसा जैसे हालात उत्पन्न हो गये थे जिस कारण रैयतों को रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज किया था. रैयतों और किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. लोग फिर भी शांत नहीं हुए, तो पुलिस ने फायरिंग की. इसके बाद अफरा-तफरी मच गयी. फायरिंग के बाद ग्रामीण और आक्रोशित हो गये थे. ग्रामीणों ने बीडीओ की गाड़ी सहित कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. स्थानीय विधायक निर्मला देवी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने खाना और पानी में केरोसिन डाल दिया. इसके बाद लोगों में और आक्रोश भड़क गया.

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