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दवा की खरीद में मानकों का पालन नहीं

50 करोड़ की निविदा में की जा रही नियमों की अनदेखी मेडिसिन, सजर्रीकल एवं केमिकल के लिए आज निकाला जायेगा प्राइस बिड पहले की 26 सदस्यीय कमेटी को घटा कर छह सदस्यीय कमेटी बनायी गयी रांची : रिम्स में मरीजों के इलाज के लिए दवा एवं सजर्री के सामान की खरीदारी में मानकों को पूरा […]

50 करोड़ की निविदा में की जा रही नियमों की अनदेखी
मेडिसिन, सजर्रीकल एवं केमिकल के लिए आज निकाला जायेगा प्राइस बिड
पहले की 26 सदस्यीय कमेटी को घटा कर छह सदस्यीय कमेटी बनायी गयी
रांची : रिम्स में मरीजों के इलाज के लिए दवा एवं सजर्री के सामान की खरीदारी में मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा है. 50 करोड़ की लागत से रिम्स में दवाइयों की खरीद, सर्जीकल और केमिकल की खरीद से संबंधित निविदा में शर्तो का अनुपालन नहीं किया गया है.
जानकारी के अनुसार निविदा की प्रक्रिया खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सीमित कर दी गयी है. मंगाये गये आवेदनों में संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों से सहमति नहीं ली गयी है. सिर्फ कोरम पूरा करते हुए कुछ विभागाध्यक्षों को शामिल कर निविदा की प्रक्रिया पूरी की गयी है.
पहले रिम्स की तकनीकी कमेटी 26 सदस्यीय थी, जिसे घटा कर छह सदस्यीय कर दी गयी है. निविदादाता कंपनियों में कृष्णा सजिर्कल इंपोरियम, वीके ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स, ओसन इंटरप्राइजेज, मेधावी एसोसिएट्स, मलिक मेडिकल एजेंसी, अक्षित एजेंसीज, बालाजी एंड बंसल डिस्ट्रीब्यूटर्स, बैक्सटर इंडिया, कैलाश सजिर्कल, अभिषेक इंटरप्राइजेज, अभी मेडिकल, कोस्मिक केमिको, इंडियन इंस्ट्रूमेंट्स, एसआरएल ट्रेडिंग कंपनी, इंडिया सजिर्कल, बासो इंटरनेशनल, भवानी इंडस्ट्रीज शामिल हैं.
खराब धागा आपूर्ति की कर चुके थे शिकायत
जानकारी के अनुसार, विभागाध्यक्षों की उपस्थिति नहीं होने से कई घटिया सामान की खरीदारी भी हो गयी है.न्यूरो सजर्री विभाग के विभागाध्यक्ष ने ऑपरेशन के बाद उपयोग होनेवाले धागे की क्वालिटी पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि धागा खराब है और टूट जाता है, इसलिए धागा अच्छे क्वालिटी का मंगाया जाये. वहीं, इएनटी विभाग में बिना जरूरत के समान मंगवाने पर आपत्ति जतायी गयी है.
क्या है मामला
रिम्स में मेडिसिन, सजर्रीकल एवं केमिकल विभाग के लिए एक अगस्त को कॉमर्सियल बिड निकाला गया. इसी दिन टेक्निकल बिड की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी. टेक्निकल बिड में कई कंपनियों के उपकरण के सैंपल भी नहीं देखे गये. ये सैंपल पैक ही हैं. विभागाध्यक्षों को नहीं बुलाया गया.
अब प्राइस बिड की प्रक्रिया बुधवार को पूरी होनी है, जबकि नियम यह है कि कॉमर्सियल बिड एवं टेक्निकल बिड की प्रक्रिया अलग-अलग तिथि को हो. विभागाध्यक्ष उपस्थित हो एवं सामान की गुणवत्ता को परखा जाये.

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