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बिचौलियों ने हड़पा मुआवजा, होगी जांच

मामला खूंटी नॉलेज सिटी के लिए भूमि अधिग्रहण का भू-राजस्व सचिव ने डीसी-एसपी को 24 घंटे में दोषियों पर कार्रवाई का दिया निर्देश रांची : खूंटी नॉलेज सिटी के भूमि अधिग्रहण में जमीन की कीमत और मुआवजा बिचौलिया हड़प रहे हैं. पैसा विस्थापितों के खाते में न जाकर बिचौलियों के खाता में गया है. मामले […]

मामला खूंटी नॉलेज सिटी के लिए भूमि अधिग्रहण का
भू-राजस्व सचिव ने डीसी-एसपी को 24 घंटे में दोषियों पर कार्रवाई का दिया निर्देश
रांची : खूंटी नॉलेज सिटी के भूमि अधिग्रहण में जमीन की कीमत और मुआवजा बिचौलिया हड़प रहे हैं. पैसा विस्थापितों के खाते में न जाकर बिचौलियों के खाता में गया है. मामले की जानकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास को मिलते ही उन्होंने जांच का आदेश दिया है.
मुख्यमंत्री ने तत्काल भू-राजस्व सचिव केके सोन से इस मामले की जानकारी ली. इसके बाद अविलंब जांच का आदेश देते हुए दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि लाभुकों को मिलने वाली राशि सीधे उनके खाते में जाये.
इधर, भू-राजस्व सचिव श्री सोन ने खूंटी के डीसी और एसपी को पत्र लिख कर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई का निर्देश दिया है. साथ ही दोषियों पर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार को अवगत कराने का निर्देश दिया है.
उन्होंने लिखा है कि यह उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक की व्यक्तिगत जिम्मेवारी है कि अनुसूचित जनजाति के परिवारों के हितों की सुरक्षा हो तथा उनके अधिकारों के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाये. श्री सोन ने पांच अगस्त तक कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट मांगी है.
जिला प्रशासन के कई लोगों का भी हाथ: सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जिला प्रशासन के कई लोग भी मिले हुए हैं, जो बिचौलियों के माध्यम से मुआवजा राशि की हेराफेरी कर रहे हैं.
स्थानीय बिचौलिया और जिला प्रशासन के कई अफसरों की सांठ-गांठ इस मामले में होने के संभावना विभागीय अधिकारी जता रहे हैं. उपायुक्त को खासतौर पर अधीनस्थों की भी जांच कराने का निर्देश दिया गया है.
क्या है मामला
खूंटी में नॉलेज सिटी के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 410 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था. चार गांवों के 400 परिवारों ने अपनी-अपनी भूमि सरकार को दी. मुआवजा के तौर पर 17 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है.
17500 रुपये प्रति डिसमिल की दर से जमीन का मुआवजा तय किया गया था. मुख्यमंत्री को शिकायत मिली थी कि मंगरी मुंडाइन को जमीन के एवज में 36 लाख रुपये मिलने थे.
पर एक राजनीतिक दल से जुड़े बिचौलिया ने यह राशि अपने खाते में जमा करवा ली. मंगरी की बेटी जब जिला प्रशासन के पास शिकायत लेकर पहुंची तब मामला खुला. मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा है कि जो भी इस मामले में दोषी पाये गये हैं उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाये.

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