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गिरोह का सरगना समेत चार गिरफ्तार

चेहरा पहचानो के नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह का खुलासा रांची/धनबाद : पुलिस की स्पेशल टीम ने बुधवार को चेहरा पहचानो, इनाम पाओ के नाम पर राज्य के विभिन्न जिलों के लोगों से ठगी करने के मामले का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने धनबाद के बैंक मोड़ स्थित नया बाजार के ब्लू मून होटल में […]

चेहरा पहचानो के नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह का खुलासा
रांची/धनबाद : पुलिस की स्पेशल टीम ने बुधवार को चेहरा पहचानो, इनाम पाओ के नाम पर राज्य के विभिन्न जिलों के लोगों से ठगी करने के मामले का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने धनबाद के बैंक मोड़ स्थित नया बाजार के ब्लू मून होटल में छापेमारी कर गिरोह के सरगना पतंजलि शास्त्री व सुरजीत सिंह को गिरफ्तार किया है.
पतंजलि नवादा जिला के वारसलिगंज (बिहार) और सुरजीत वैशाली (बिहार) जिले का रहनेवाला है. पुलिस ने गिरोह को जाली वोटर आइडी, डीएल, आधार कार्ड बनाकर देने वाले केंदुआ स्थित लक्ष्मी प्रिंटिंग प्रेस के संचालक रवींद्र कुमार व चंदन कुमार को भी गिरफ्तार किया है.
डीएसपी धीरेंद्र नारायण बंका ने बताया कि पतंजलि व सुरजीत के पास से दर्जन भर एटीएम, एसबीआइ, बैंक ऑफ इंडिया, आइसीआइसीआइ, बैंक ऑफ बीकानेर के पासबुक, 10 सेलफोन, सिम कार्ड, एक लैपटॉप, एक डोंगल, 500 पीस मनीआर्डर फार्म, वैल्यू पार्सल का लिफाफा, कई जाली वोटर आइडी, डीएल व आधार कार्ड बरामद किये गये हैं.
दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने प्रिटिंग प्रेस से चंदन व रवींद्र को पकड़ा, जहां से जाली आइडी प्रूफ बरामद की गयी है. पुलिस पूछताछ में पतंजलि ने खुद को गैंग का सरगना बताया है. गैंग में गया के कतरीसराय व वारसलीगंज के दर्जनों युवक शामिल हैं. यह गैंर धनबाद में दो वर्षो से सक्रिय था. इसने सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया. गिरिडीह निवासी दुर्गापुर में पदस्थापित सीआरपीएफ जवान त्रिपुरारी सिंह भी इस गिरोह के शिकार हुए. उन्होंने बैंक मोड़ थाने में ठगी की प्राथमिकी दर्ज करायी है.
काठीटांड़ के बैंक अकाउंट में डालने को कहा था रुपया
रांची : गुजरात सीआइडी की टीम चेहरा पहचाने के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी करने के मामले की जांच करने दो दिन पहले ही रांची पहुंची थी. ठगी करने वालों ने कई लोगों से रातू के कांठीटांड़ व ललगुटुवा स्थित बैंक के अकाउंट में रुपये डालने को कहा था.
गुजरात पुलिस की जांच में अकाउंट नंबर का नाम व पता फरजीनिकला था. आशंका जतायी गयी है कि इस घटना का भी तार इस गिरोह से जुड़ा हो सकता है.
चेहरा पहचानो-इनाम पाओ का विज्ञापन टीवी में देखकर लोग संबंधित मोबाइल नंबर पर कॉल करते हैं. कॉल करने वालों को स्कॉरर्पियो, बोलेरो, सफारी, सूमो आदि वाहन जीत जाने की बात गिरोह के सदस्य कहते हैं.
टैक्स के रूप में आठ से 10 हजार रुपये अग्रिम जमा करने की बात कही जाती है. पैसे बैंक खाते में जमा करने की बात कही जाती है.
फिर गाड़ी का बीमा व निबंधन के नाम पर पैसे बैंक खाते में जमा कराये जाते हैं. गाड़ी देने में स्टॉक की अनुपलब्धता बता तीन-चार माह तक उन्हें टरकाया जाता है. इसके बाद फोन करने पर गाली-गलौज कर धमकी दी जाती है. इसके अलावा ठगी का दूसरा तरीका यह है कि इनाम जीतने की बात कह किसी भी फोन नंबर पर कॉल कर गिफ्ट पार्सल भेजने की बात कही जाती है.
पार्सल के माध्यम से भी गिफ्ट भेजा जाता है. बीपीएल (वैल्यू पार्सल लेटर) से भी फरजी गिफ्ट भेजा जाता है. यह कैश ऑन डिलेवरी होता है, जहां पार्सल रिसीव करने से पहले डाकिया को तीन हजार रुपये देने पड़ते हैं. पार्सल खोलने पर कागज व पीतल का रिंग तथा इनाम पाओ का परची रहता है.

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