रांची: जब तक हम गीला व सूखा कचरा को अलग-अलग नहीं रखेंगे, तब तक कचरे का सही निस्तारण नहीं हो सकता है. इसके लिए सभी को जागरूक होना पड़ेगा. उक्त बातें इंस्टीटय़ूट व ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट (आइएचडी) व ऑल इंडिया कबाड़ी मजदूर संघ के संयुक्त तत्वावधान आयोजित कार्यक्रम में आइएचडी के अंजोर भास्कर ने कही. उन्होंने कहा कि शहर से कूड़े को उठा करझिरीमें फेंका जाता है. इससे मैनपावर व खर्च में बढ़ोतरी होती है. यदि हम हर वार्ड में ही कूड़ा निस्तारण का व्यवस्था करें, तो खर्च में कटौती हो सकती है.
एटूजेड ने स्थिति बिगाड़ी: कार्यक्रम में सीइओ दीपांकर पंडा ने कहा कि एटूजेड द्वारा शहर की सफाई की जा रही है, परंतु यह नाकाफी है. कर्मचारियों की लापरवाही के कारण शहर से कचरे का पूरी तरह से उठाव नहीं हो रहा है. नतीजा शहर के सड़कों पर जगह- जगह कचरे का अंबार दिख रहा है. सफाई व्यवस्था से कोई खुश नहीं है.
डिप्टी सीइओ शैलेंद्र कुमार लाल ने कहा कि एटूजेड वर्तमान में शहर के लोगों को सिर्फ सपना दिखा रही है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि आइएचडी के इस सुझाव पर नगर निगम कार्रवाई करेगा. इसके तहत पांच वार्डो में इस योजना को लागू किया जायेगा. कार्यक्रम में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, निगम सीइओ दीपांकर पंडा, डिप्टी सीइओ शैलेंद्र कुमार लाल, अर्थशास्त्री हरिश्वर दयाल, शशिभूषण पंडित, भुवनेश्वर केवट सहित काफी संख्या में पार्षद उपस्थित थे.