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चिट फंड मामले में सुनवाई, राज्य सरकार बताये, कैसे वापस होगा गरीबों का पैसा : हाइकोर्ट

हाइकोर्ट : चिट फंड मामले में सुनवाई, कोर्ट ने पूछा रांची : झारखंड हाइकोर्ट में चिट फंड कंपनियों द्वारा हड़पे गये गरीब जमाकर्ताओं के अरबों रुपये वापस करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लिया. खंडपीठ […]

हाइकोर्ट : चिट फंड मामले में सुनवाई, कोर्ट ने पूछा
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में चिट फंड कंपनियों द्वारा हड़पे गये गरीब जमाकर्ताओं के अरबों रुपये वापस करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लिया.
खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पूछा कि गरीब जनता द्वारा जमा की गयी राशि कैसे और कब तक उन्हें वापस करायेंगे. चिट फंड कंपनियों में लोगों ने विश्वास के साथ करोड़ों रुपये जमा किये, लेकिन कंपनियों ने जमा पैसे वापस नहीं किये हैं.
मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गयी. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि यह गंभीर मामला है. सरकार का दायित्व बनता है कि जिन लोगों ने पैसा जमा किया, उनके पैसे वापस होने चाहिए. यह बड़ी बात नहीं कि जमा पैसा हड़पनेवालों को क्या सजा मिलती है, बड़ी बात यह है कि लोगों के जमा पैसे वापस हो. झारखंड प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपोजिटर्स एक्ट-2011 के आलोक में इस मुद्दे पर सरकार क्या कदम उठा रही है, उसकी जानकारी कोर्ट को दी जाये.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने जम्मू कश्मीर का उदाहरण दिया. कहा कि चिट फंड कंपनियां बेरोजगारों को हैंडसम सैलरी व सुविधा देने का प्रस्ताव करती है. साल-छह माह तक आकर्षक सुविधा देकर बेरोजगारों को एजेंट बनाती है. उनके माध्यम से भोले-भाले गरीब लोगों की पूंजी जमा कराते हैं. चिट फंड के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता विनोद पोद्दार ने कोर्ट के रूख को देखते हुए मामले को काफी गंभीर माना.
सरकार को कोर्ट की भावना से अवगत कराने की बात कही. इससे पूर्व प्रार्थी हाइकोर्ट के अधिवक्ता हरेंद्र कुमार सिंह ने स्वयं पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला धोखाधड़ी करनेवाले चिट फंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई अथवा जांच का नहीं है, बल्कि कंपनियों में गरीब लोगों द्वारा जमा कराये गये करोड़ों-अरबों रुपये की वापसी का है. उन्होंने कहा कि जमाकर्ताओं की हड़पी गयी राशि को वापस कराने की जिम्मेवारी सरकार की है. पश्चिम बंगाल, ओड़िशा आदि राज्यों में जमाकर्ताओं का पैसा सरकार वापस करा रही है.

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