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न बीपीएल सूची में नाम है, न लाल कार्ड
कोई रिक्शा चलाता है तो कई महिलाएं दाई का काम कर चलाती हैं परिवार कई बार बीपीएल सूची में नाम डालने का किया गया आग्रह रांची : राजधानी के सुखदेव नगर इलाके में एक ऐसा स्लम क्षेत्र है, जहां रहने वाले गरीबों का न तो आज तक बीपीएल सूची में नाम आया, ना ही लाल […]
कोई रिक्शा चलाता है
तो कई महिलाएं दाई का काम कर चलाती हैं परिवार
कई बार बीपीएल सूची में नाम डालने का किया गया आग्रह
रांची : राजधानी के सुखदेव नगर इलाके में एक ऐसा स्लम क्षेत्र है, जहां रहने वाले गरीबों का न तो आज तक बीपीएल सूची में नाम आया, ना ही लाल कार्ड बनाया गया. मिलन चौक के एक बड़े इलाके में लगभग 300 ऐसे परिवार हैं, जिनके पास सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचता. यहां अधिकतर लोग रिक्शा चलाते हैं. महिलाएं दाई का काम करती हैं.
कई ऐसे बुजुर्ग रिक्शाचालक हैं, जो अब बेरोजगार हो गये हैं. पैर कमजोर होने के कारण ये लोगों की दया पर निर्भर हैं. कोई कुछ दे दिया तो खा लिये वरना भीख मांगने को मजबूर होना पड़ता है. शहर के बीच में होते हुए भी यह इलाका पिछड़ा हुआ है. किसी सरकारी अधिकारी या नेता का ध्यान इस ओर नहीं गया. चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. प्रभात खबर ने कुछ ऐसे ही परिवार के बीच जाकर उनकी स्थिति की जानकारी ली.
यह काफी गंभीर बात है
यह काफी गंभीर बात है. कोई अगर विकलांग है, तो वो वह विकलांग पेंशन का हकदार है. सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को मिलना चाहिए. इसे देखा जायेगा.
अमित कुमार, एसडीओ रांची सदर
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