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सारंडा क्षेत्र के खनन पट्टे को रद्द करें : सरयू
रांची : पर्यावरण सहित अन्य कारणों से सारंडा वन क्षेत्र में लीज नवीकरण करने के बदले रद्द कर दिया जाना चाहिए. नये सिरे से सीमांकन और वैज्ञानिक तरीके से आवश्यक तैयारी कर खदानों की नीलामी की जानी चाहिए. खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में इन बातों का […]
रांची : पर्यावरण सहित अन्य कारणों से सारंडा वन क्षेत्र में लीज नवीकरण करने के बदले रद्द कर दिया जाना चाहिए. नये सिरे से सीमांकन और वैज्ञानिक तरीके से आवश्यक तैयारी कर खदानों की नीलामी की जानी चाहिए. खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में इन बातों का उल्लेख किया है.
पत्र में कहा गया है कि उन्होंने करीब एक माह पहले कैबिनेट की बैठक में सारंडा एक्शन प्लान के सिलसिले में सवाल उठाया था. इसके बाद प्रजेंटेशन के माध्यम से सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देने की बात तय की गयी थी, पर अब तक ऐसा नहीं हो सका. आम धारणा यह है कि सारंडा में खनन की वजह से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
सारंडा एक्शन प्लान शुरू करने के मामले में पर्यावरण संरक्षण के कानूनी पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया. खनन कार्य में लगी सरकारी और निजी कंपनियां पर्यावरण के नियमों की अवहेलना करती आ रही हैं. इस सिलसिले में आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए. एमएमडीआर एक्ट में अध्यादेश के सहारे किये गये संशोधन के बाद ‘सेल’ ने पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन कर खनन कार्य शुरू किया है. सेल ने खनन कार्य के लिए सक्षम स्तर से अनुमति नहीं ली है. इसलिए यह अवैध खनन की श्रेणी में आता है. इस क्षेत्र में करीब दो दर्जन निजी कंपनियां भी खनन कार्य में लगी हुई हैं, पर सरकार के खान विभाग ने इस पर आंखें मूंद ली हैं. ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार निजी कंपनियों को लौह, बॉक्साइट, चूना पत्थर, मैगनीज खदानों के लीज नवीकरण करने पर विचार कर रही है.
पूर्ववर्ती सरकार ने भी विधानसभा चुनाव से पहले ऐसी सक्रियता दिखायी थी. श्री राय ने पत्र में सरकार ने यह अनुरोध किया है कि वे अवधि विस्तार के मामले में गहराई से नियम- कानून पर विचार करें. बेहतर विकल्प यह होगा कि अवधि विस्तार के बदले खनन पट्टों को रद्द कर दिया जाये और वैज्ञानिक तरीके से तैयारी कर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाये.
‘खनन प्रदूषण भार वहन क्षमता’ पर उनके द्वारा जनहित याचिका हाइकोर्ट में विचाराधीन है. इसलिए यह बेहतर होगा कि सरकार पहले लौह अयस्क के भंडार की सही-सही जानकारी प्राप्त करने के बाद खनन की दिशा में काम करे. इससे राज्य को अधिक राजस्व मिलेगा और रोजगार का भी सृजन होगा.
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