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झारखंड में पीएमजीएसवाइ फेल होने के कगार पर

335 करोड़ रुपये ही अब मिलने हैं केंद्र से चल रही है 2937 करोड़ की योजनाएं मुख्यमंत्री ने मई में ही पूरी स्थिति से प्रधानमंत्री को अवगत कराया था रांची : झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) फेल होने के कगार पर है. फिलहाल यहां अधिकतर योजनाएं ठप पड़ी हैं. योजनाओं के क्रियान्वयन के […]

335 करोड़ रुपये ही अब मिलने हैं केंद्र से
चल रही है 2937 करोड़ की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने मई में ही पूरी स्थिति से प्रधानमंत्री को अवगत कराया था
रांची : झारखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) फेल होने के कगार पर है. फिलहाल यहां अधिकतर योजनाएं ठप पड़ी हैं. योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है.
पैसा नहीं मिलने की वजह से संवेदकों ने काम बंद रखा है. सभी पैसे मिलने का इंतजार कर रहे हैं. काम बंद होने का असर मजदूरों व सप्लायरों पर भी पड़ा है. मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. वहीं सड़क के काम से जुड़े अन्य कर्मियों पर भी आफत आ गयी है. सप्लायरों का पैसा फंस गया है. रोड रोलर, जेसीबी, ट्रैक्टर, ट्रक, मिनी प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट सब ठप है.
राज्य में पीएमजीएसवाइ के तहत 2937 करोड़ रुपये की योजनाएं चल रही है. झारखंड सरकार के पास इन योजनाओं पर खर्च करने के लिए कुछ ही करोड़ रुपये बचे हैं. इसके अलावा 335 करोड़ रुपये ही केंद्र से मिलने हैं. यह राशि खर्च होने के बाद साल भर विभाग को बैठना पड़ेगा. झारखंड में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राशि के अभाव से मुख्यमंत्री ने मई माह में ही प्रधानमंत्री को अवगत कराया था. उन्होंने प्रधानमंत्री से इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का आग्रह भी किया था.
केंद्र से अब तक मिले 260 करोड़
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में झारखंड के लिए 595 करोड़ रुपये का बजट तय किया था. इसके विरुद्ध अब तक मात्र 260 करोड़ रुपये ही दिये गये हैं. इस राशि से राज्य सरकार ने बकाया का भुगतान किया है. जेएसआरआरडीए व केंद्रीय एजेंसियों द्वारा क्रियान्वित होने वाली योजनाओं के लिए पैसे दिये गये हैं. इनमें से कुछ ही राशि विभाग के पास बची है. अब केंद्र सरकार के पास झारखंड के हिस्सेदारी का मात्र 335 करोड़ रुपये ही बचा है, जबकि इससे आठ-नौ गुणा अधिक की राशि पर काम चल रहा है.
जनवरी से नहीं हुआ है भुगतान
केंद्र सरकार ने झारखंड को मई में राशि दी थी. इस राशि से कई जगहों पर तो भुगतान हुआ, पर कई जिलों के संवेदकों को एक पैसा भी नहीं मिला. इन्हें जनवरी से ही भुगतान नहीं हुआ है. इनके मजदूर, सप्लायर सारे लोग बैठे हुए हैं.
पीएम से बजट बढ़ाने का किया है आग्रह
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर पीएमजीएसवाइ का बजट उपबंध 595 करोड़ की जगह 1000 करोड़ रुपये करने का अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री ने लिखा था कि यहां अब तक 2635 योजनाएं 3738 करोड़ रुपये खर्च कर पूरी कर ली गयी हैं. शेष योजनाओं को पूरा करने के लिए 3075 करोड़ रुपये की जरूरत है. झारखंड का नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण करीब 468 योजनाएं पूर्ण नहीं हो सकी है. इसे पूर्ण करने के लिए अतिरिक्त करीब 150 करोड़ की आवश्यकता पड़ेगी.यह झारखंड जैसे निर्धन राज्य के लिए वहन करना कठिन होगा. ऐसे में विभिन्न चरणों की बचत राशि को इंटरफेज की योजनाओं के लिए व्यय की अनुमति प्रदान की जाये.

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