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झारखंड में संसाधन नहीं, सोच की कमी : नीरा

झारखंड में गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संभावनाएं व आवश्यकता विषय पर रखे गये विचार वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की है आवश्यकता प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, पर उच्च शिक्षा की स्थिति खराब अधिकार के साथ कर्तव्य की भी बात करनी चाहिए रांची : शिक्षा मंत्री डॉ […]

झारखंड में गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संभावनाएं व आवश्यकता विषय पर रखे गये विचार
वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की है आवश्यकता
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, पर उच्च शिक्षा की स्थिति खराब
अधिकार के साथ कर्तव्य की भी बात करनी चाहिए
रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा है कि झारखंड शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी काफी पिछड़ा है. राज्य में संसाधन नहीं, सोच की कमी है. प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, पर उच्च शिक्षा की स्थिति काफी खराब है. गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना हमारे लिए चुनौती है. उक्त बातें शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार को मानव संसाधन विकास विभाग के तत्वावधान में झारखंड में गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संभावनाएं और आवश्यकता विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उदघाटन समारोह में कही. कार्यशाला का आयोजन होटल बीएनआर चाणक्या में हुआ.
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में बदलाव करना होगा. झारखंड के पाठय़क्रम में यहां के महापुरुष व भूगोल की पढ़ाई नहीं होती. झारखंड के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, आवश्यकता है बच्चों की प्रतिभा को तराशने की. उन्होंने कहा कि निर्देश दे देने भर से हमारी जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती.
हमें इस बात को भी सुनिश्चित करना होगा कि काम तय समय पर पूरा हो. हमारी बात घोषणा तक समिति नहीं रहे. हमें अधिकार के साथ कर्तव्य की भी बात करनी चाहिए. विद्यार्थी को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है. निजी शिक्षण संस्थान झारखंड आना चाहते हैं, पर वे जमीन उपलब्ध कराने को कहते हैं.
नयी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से काम शुरू किया है. निजी शिक्षण संस्थानों को जमीन उपलब्ध करायी जायेगी. कार्यशाला में एआइयू के डॉ फुरकान कमर ने कहा कि बेहतर उच्च शिक्षा पूरे देश के समक्ष चुनौती है. कार्यशाला में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ डीएन ओझा, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश पांडेय, जैक अध्यक्ष डॉ आनंद भूषण समेत राज्य के विवि के अधिकारी व शिक्षक उपस्थित थे.
गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा देना चुनौती : शिक्षा सचिव
शिक्षा सचिव आराधना पटनायक ने कहा कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना हमारे लिए चुनौती है. गुणवत्तायुक्त शिक्षक की कमी, उच्च शिक्षा के विकास में बाधक है. उच्च शिक्षा में शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जायेगा. राज्य में उच्च शिक्षा को बेहतर करने की काफी संभावनाएं हैं. उच्च शिक्षा के लिए राज्य के विद्यार्थियों को झारखंड से बाहर जाना पड़ता है.

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