विभिन्न यूनियनों से जुड़े लोग बड़े पैमाने पर ले रहे हैं ठेका
ठेका नहीं मिलने पर देते हैं हड़ताल की चेतावनी
ठेका मिलने पर हड़ताल से कर लेते हैं समझौता
बोर्ड के अफसर भी पीछे नहीं
पूर्व निदेशक का साला चलाते हैं कंप्यूटर एजेंसी
डीडीए संजीव कुमार के साला व पत्नी के नाम है ट्रांसफॉरमर कंपनी
सुनील चौधरी
रांची : बिजली यूनियनों के पदाधिकारी अपने रिश्तेदारों के नाम से ठेके ले रहे हैं. यूनियन भी चलाते हैं और बिजली बोर्ड में ठेकेदारी भी कराते हैं. ठेकेदारी न मिलने पर हड़ताल की चेतावनी देते हैं. मिल जाने पर हड़ताल से समझौता कर लेते हैं. यही नहीं, बोर्ड के भी कई पदाधिकारी कंपनी बना कर ठेका लेते हैं और आपूर्ति भी करते हैं.
तुषार कंस्ट्रक्शन कराती है कई काम
झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स यूनियन के महासचिव हैं बैकुंठ नंदन सिंह. बोर्ड में इस यूनियन का दबदबा है. बैकुंठ नंदन सिंह की कंपनी है तुषार कंस्ट्रक्शन. तुषार कंस्ट्रक्शन कंपनी बोर्ड में कई काम करती है. सूत्रों ने बताया कि साल भर में करीब दो से तीन करोड़ का ठेका यह कंपनी हासिल करती है. एक और यूनियन है, झारखंड इलेक्ट्रिसिटी पेंशनर्स फोरम. इसके अध्यक्ष हैं रामायण तिवारी. यह भी झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स यूनियन के महासचिव होने का दावा करते हैं.
इस यूनियन के महासचिव को लेकर अभी विवाद चल रहा है. रामायण तिवारी के पुत्र हैं धनंजय तिवारी. धनंजय तिवारी प्रियम इंटरप्राइजेज के नाम से बोर्ड में मैटेरियल सप्लाई करते हैं. साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटर एजेंसी का संचालन भी करते हैं. इनके अधीन लगभग 20 कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यरत हैं. बताया गया कि बोर्ड से प्रति व्यक्ति सात हजार रुपये लेकर ऑपरेटर को चार से पांच हजार रुपये ही भुगतान किये जाते हैं.
गणपति ट्रांसफॉरमर भी करती थी सप्लाई
बिजली बोर्ड में डीडीए हैं संजीव कुमार. इनकी पत्नी अर्चना चौधरी और साला अभिजीत चौधरी के नाम से गणपति ट्रांसफॉरमर. पूर्व में यह कंपनी ट्रांसफॉरमर आपूर्ति का काम करती थी. बोर्ड में फिलहाल इस कंपनी को काम नहीं दिया जा रहा है. इसी तरह बोर्ड के निदेशक थे, पांडेय रमणीकांत सिन्हा.
अभी वह जमशेदपुर में पदस्थापित हैं. इनका साला दीपक कुमार सिन्हा के नाम से एटूजेड सर्विसेज और मेसर्स कंप्यूटर एजेंसी है. दीपक भी कंप्यूटर ऑपरेटर एजेंसी चलाते हैं. यानी कंप्यूटर ऑपरेटर बोर्ड को मुहैया कराते हैं. इस समय रांची समेत अलग-अलग एरिया बोर्ड में 20 कंप्यूटर ऑपरेटर इन्हीं दोनों कंपनी के हैं. सूचना है कि इनके द्वारा बोर्ड से पूरा भुगतान लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर को कम भुगतान किया जाता है.
रिश्तेदारों के नाम पर काम कराने पर रोक है
बोर्ड के पूर्व चेयरमैन शिव बसंत ने आदेश जारी किया था कि बोर्ड में कार्यरत पदाधिकारी या उनके रिश्तेदार के नाम से कोई काम आवंटित नहीं किया जायेगा. इसके बावजूद आज भी बोर्ड में रिश्तेदारों के नाम से खूब काम हो रहे हैं.