संचालकों की लापरवाही उजागरखूंटी. एसडीओ खूंटी नीरजा कुमारी शनिवार को आशा किरण शेल्टर होम फूदी जांच करने पहुंची. ज्ञात हो कि 30 जून को इस अनाथालय की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. एसडीओ ने जांच में पाया कि शेल्टर होम के संचालकों की निष्क्रियता के कारण ही बच्ची रात को बाहर आने में सफल रही. अगर संचालकों द्वारा नियमित हाजिरी रात के वक्त ली जाती, तो बच्ची के बाहर जाने की बात उसी रात पता चल जाता. एसडीओ ने जांच में पाया कि जहां से बच्ची चहारदीवारी फांद कर बाहर गयी, उसकी ऊंचाई कम और चहारदीवारी आधी अधूरी है. सुरक्षा का संचालकों ने नजरअंदाज किया है. 30 जून की रात घटना घटी, शेल्टर होम के संचालकों को एक जून को घटना की जानकारी मिली, इसके बाद भी संचालकों ने फौरन घटना की सूचना पुलिस को देने में देरी की. आखिर क्या बात थी कि संचालकों ने एक दिन बाद यानी तीन जून को घटना की रपट थाना में दर्ज करायी. एसडीओ ने संचालकों को निर्देश दिया कि वे अनाथालय की बच्चियों पर कड़ी निगरानी रखे, ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो. अन्यथा संचालकों पर भी कार्रवाई होगी.सिविल सर्जन को निर्देश : सदर अस्पताल की एक महिला चिकित्सक द्वारा दुष्कर्म की शिकार बच्ची की मेडिकल जांच में हुए विलंब को एसडीओ ने गंभीरता से लिया है. एसडीओ ने सिविल सर्जन को पत्र लिख क र एक स्पेशल मेडिकल बोर्ड का गठन करने को कहा है, ताकि ऐसी घटनाओं में पुलिस जब पीडि़ता को लेकर अस्पताल आये, तो रोस्टर में रहनेवाले बोर्ड के द्वारा तत्काल पीडि़ता की मेडिकल जांच हो सके.
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दुष्कर्म मामले की जांच के लिए एसडीओ पहुंचीं शेल्टर होम
संचालकों की लापरवाही उजागरखूंटी. एसडीओ खूंटी नीरजा कुमारी शनिवार को आशा किरण शेल्टर होम फूदी जांच करने पहुंची. ज्ञात हो कि 30 जून को इस अनाथालय की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. एसडीओ ने जांच में पाया कि शेल्टर होम के संचालकों की निष्क्रियता के कारण ही बच्ची रात को बाहर […]
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