उक्त आरोपियों ने 70 लाख रुपया वापस कर दिया और बताया कि 30 लाख रुपये का काम उन्होंने कर दिया है. लेकिन जांच में पाया गया कि सिर्फ 6.90 लाख रुपये का ही काम हुआ है. उसके बाद विभाग ने इस संबंध में निगरानी को जांच के लिए लिखा. निगरानी ने जांच के बाद मामला सत्य पाया. इस संबंध में निगरानी में कांड संख्या 113/2010 दर्ज कर तीनों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की और सहायक इंजीनियर आरके जैन व जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी उसी समय से फरार थे.
Advertisement
इंजीनियर जयकिशोर चौधरी ने किया सरेंडर
रांची: निगरानी के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पांच वर्षो से फरार कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी ने बुधवार को सरेंडर कर दिया. उन्हें आठ जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. उन पर कुल चार मामले चल रहे थे. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता एसआर दास ने जमानत याचिका […]
रांची: निगरानी के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पांच वर्षो से फरार कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी ने बुधवार को सरेंडर कर दिया. उन्हें आठ जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. उन पर कुल चार मामले चल रहे थे.
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता एसआर दास ने जमानत याचिका दाखिल की है. दो मामलों की आठ जुलाई व दो मामलों की सुनवाई 10 जुलाई को होगी. उन पर खूंटी में सरकारी भवन बनाने में 23 लाख रुपये से अधिक के गबन का आरोप है. इसी मामले में सहायक अभियंता आरके जैन व कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा को पांच वर्ष की सजा सुनायी गयी है.
क्या है मामला
मामला वर्ष 2010 का है. खूंटी में एक करोड़ की लागत से संयुक्त सहकारिता भवन का निर्माण किया जाना था. इसके लिए एक करोड़ की राशि आवंटित की गयी थी. कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, असिस्टेंट इंजीनियर आरके जैन व जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को काम का जिम्मा देते हुए एक करोड़ का चेक सौंपा गया था. काम काफी धीमा और सही नहीं होने पर सरकार की ओर से काम बंद करने का आदेश देते हुए एक करोड़ रुपये लौटाने को कहा गया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement