रांची: हाइकोर्ट में शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव-2012 हॉर्स ट्रेडिंग मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस प्रकाश टाटिया व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सीबीआइ को स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 जून की तिथि निर्धारित की गयी. इससे पूर्व सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि राज्यसभा चुनाव-2010 हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच की जिम्मेवारी भी सीबीआइ को सौंपी गयी है.
अग्रवाल की जमानत मामले में कोर्ट निष्पक्ष ट्रायल के बिंदु पर सुनवाई कर रही है. खंडपीठ ने सीबीआइ को केस दर्ज होने से लेकर जमानत मिलने तक के घटनाक्रम पर पूर्ण विवरणी पेश करने का निर्देश दिया. इस पर सीबीआइ के अधिवक्ता ने दिन के हिसाब से रिकार्ड प्रस्तुत कर बताया कि 164 का स्टेटमेंट दर्ज है. साक्ष्य भी है, फिर भी कोर्ट ने जमानत दे दी. सीबीआइ की आपत्ति पर ध्यान नहीं दिया. जांच जारी थी और चाजर्शीट भी दायर नहीं की गयी है. इन सारे तथ्यों पर कोर्ट को गौर करना चाहिए था.
सीबीआइ की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गयी है. आरोपी आरके अग्रवाल को निचली अदालत से दी गयी जमानत संबंधी आदेश की प्रति भी प्रस्तुत की गयी. यह भी कहा गया कि अभियोजन स्वीकृति लेकर 10 दिनों के अंदर अदालत में चाजर्शीट दायर कर दी जायेगी. खंडपीठ ने सभी बिंदुओं पर सुनवाई की. इससे पूर्व मामले के आरोपी आरके अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने खंडपीठ से उनके क्वैशिंग मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया.
खंडपीठ ने यह कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया कि इस तरह के मामलों की सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट प्राधिकृत है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड अगेंस्ट करप्शन ने जनहित याचिका दायर की है.