रांचीः हार्ट की जन्मजात बीमारी का इलाज जन्म के समय शुरू करना ज्यादा कारगर है. जन्म के समय ऑपरेशन कर बीमारी पूरी तरह ठीक की जा सकती है. भ्रम एवं जानकारी के अभाव में लोग छोटे बच्चे के हार्ट का ऑपरेशन कराने से कतराते हैं. एक साल के बच्चे में जरूरत पड़ने पर पेस मेकर लगाया जा सकता है. ये बातें बीएनआर चाणक्य में आयोजित दो दिवसीय कार्डियोलॉजी कानक्लेव रांची लाइव में फोर्टिस एस्कॉर्ट, दिल्ली के शिशु हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज अवस्थी ने शनिवार को कही.
उन्होंने बताया कि बच्चे को लोग 10 से 12 साल की उम्र में इलाज के लिए ले आते हैं, जिससे उनके इलाज में परेशानी होती है. दिल के छेद को आसानी से ठीक किया जा सकता है. कार्यक्रम में डॉ अजीत कुमार सिन्हा, डॉ अनिल कुमार, रिम्स के डॉ रितेश कुमार, डॉ एके सिंह, डॉ दीपक गुप्ता, डॉ आरके अग्रवाल, डॉ आरएस वर्मा सहित कई चिकित्सक ने व्याख्यान दिया.
लाइव सजर्री देखी
बीएनआर चाणक्य में बैठे चिकित्सकों ने अपोलो अस्पताल में चल रही लाइव सजर्री देखी. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज प्रसाद, डॉ दीपक गुप्ता एवं डॉ कुणाल हजारे ने दो मरीज की सजर्री की. सजर्री देख रहे चिकित्सकों ने ऑपरेशन के दौरान की समस्या के बारे में चिकित्सकों से जानकारी ली.