फोटो सुनील पटना वीमेंस कॉलेज में एनसीसी हेड थी कुसुमसंवाददाता, रांची पटना वीमेंस कॉलेज में 1953-1959 के दरम्यान सिस्टर निर्मला की रूममेट रहीं पत्थलकुदवा बेक लेन (रांची) की फिलोमिना बेक ने बताया कि कुसुम (सिस्टर निर्मला) उन्हें दीदी कह कर बुलाती थीं, क्योंकि वे उनसे दो महीने बड़ी थीं. कुसुम का जन्म 23 मार्च 1934 को और उनका 21 जनवरी 1934 को हुआ था. उस रूम में उन दोनों के अतिरिक्त मटिल्डा, टेरेसा मिस्किट व एक अन्य छात्रा रहती थी. कुसुम उस कॉलेज की एनसीसी हेड गर्ल थी. वह लाइब्रेरियन भी बनी. मटिल्डा और वह स्वयं कार्मेल कॉन्वेंट (पटना) की छात्राओं को पढ़ाती थीं. मटिल्डा और टेरेसा बाद में सिस्टर्स बन गयीं. फिलोमिना बेक ने सिस्टर निर्मला द्वारा दिया गया मदर टेरेसा का रेलिक (स्मृतिशेष) गर्व से दिखाया. उन्होंने बताया कि सिस्टर निर्मला ने उन्हें दो रोजरी माला भी दी थीं. कॉलेज के दिनों में कुसुम धर्म संबंधी बातों पर अक्सर उनसे चर्चा करती थीं. बाद में वे इन बातों पर फादर बे्रनन व फादर लायस से चर्चा करने लगी और बाद में ईसाई बनीं, पर उनसे ज्यादा मसीही साबित हुईं. मैडागास्कर में यौन रोग से पीडि़त युवाओं की सेवा भी की. सड़ते-गलते शरीर की साफ-सफाई करती थीं. मदर टेरेसा ने पोप से कहा था कि अपनी उत्तराधिकारी के रूप में वह एक जीवित संत देंगी. सिस्टर निर्मला वही जीवित संत थी.
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सिस्टर निर्मला का जोड़
फोटो सुनील पटना वीमेंस कॉलेज में एनसीसी हेड थी कुसुमसंवाददाता, रांची पटना वीमेंस कॉलेज में 1953-1959 के दरम्यान सिस्टर निर्मला की रूममेट रहीं पत्थलकुदवा बेक लेन (रांची) की फिलोमिना बेक ने बताया कि कुसुम (सिस्टर निर्मला) उन्हें दीदी कह कर बुलाती थीं, क्योंकि वे उनसे दो महीने बड़ी थीं. कुसुम का जन्म 23 मार्च 1934 […]
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