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84 जमाबंदी रद्द करने की अनुशंसा
रांची : सीसीएल की पिपरवार रेलवे साइडिंग, चूड़ी-बेती परियोजना व केडीएच विस्तारीकरण परियोजना के जल्द शुरू होने की संभावना बन गयी है. कोयला मंत्रलय की सक्रियता के बाद मुख्य सचिव राजीव गौबा के निर्देश के आलोक में परियोजना का कार्य शुरू होने के पूर्व जमीन पर रैयतों के दावे का सत्यापन कार्य चल रहा है. […]
रांची : सीसीएल की पिपरवार रेलवे साइडिंग, चूड़ी-बेती परियोजना व केडीएच विस्तारीकरण परियोजना के जल्द शुरू होने की संभावना बन गयी है. कोयला मंत्रलय की सक्रियता के बाद मुख्य सचिव राजीव गौबा के निर्देश के आलोक में परियोजना का कार्य शुरू होने के पूर्व जमीन पर रैयतों के दावे का सत्यापन कार्य चल रहा है.
रांची जिले में पड़नेवाले पिपरवार रेलवे साइडिंग, चूड़ी-बेती परियोजना के लिए आवश्यक गैरमजरूआ जमीन का सत्यापन कार्य पूरा हो गया है. खलारी अंचल कार्यालय ने सत्यापन के बाद सैकड़ों एकड़ जमीन से संबंधित 84 जमाबंदी (दाखिल-खारिज) को गलत बताते हुए रद्द करने की अनुशंसा की है.
उक्त जमाबंदी में लगभग 300 एकड़ जमीन शामिल है. वहीं 74 जमाबंदी को सही ठहराया गया है. इसे सीसीएल प्रबंधन को अग्रेतर कार्रवाई के लिए भेजा गया है. अपर समाहर्ता कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल केडीएच विस्तारीकरण परियोजना के लिए आवश्यक जमीन का सत्यापन कार्य लंबित है.
सत्यापन रिपोर्ट व अनुशंसा की प्रतीक्षा की जा रही है. अपर समाहर्ता शैलेंद्र कुमार लाल से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि खलारी अंचल से बड़ी संख्या में जमाबंदी रद्द करने की अनुशंसा मिली है. इसकी जांच के लिए एलआरडीसी को दिया गया है. उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
पिपरवार रेलवे साईडिंग प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट के लिए मौजा मायापुर, महुलिया, हेसालौंग, कोनका व लावाडीह की 26 जमाबंदी में से 16 को जांच के बाद सही पाया गया. संबंधित रैयतों को अनुमान्य क्षतिपूर्ति की अनुशंसा की गयी, जबकि 10 मामलों में जमाबंदी रद्द करने की अनुशंसा की गयी.
राज्य सरकार ने 74.90 एकड़ गैरमजरूआ जमीन के लिए सीसीएल से 35 करोड़ 43 लाख 39 हजार 717 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. बताया जाता है कि सत्यापन रिपोर्ट के बाद प्रबंधन ने रैयतों को अनुमान्य क्षतिपूर्ति का भुगतान करने तथा आश्रित को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
चूरी-बेंती परियोजना
सीसीएल ने इस परियोजना के लिए जरूरी 600 एकड़ गैरमजरूआ जमीन का सत्यापन करने का आग्रह किया था. सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने खलारी अंचल के माध्यम से भूमि का सत्यापन कराया.
उपरोक्त जमीन में 132 जमाबंदी पायी गयी. जांच के बाद 58 जमाबंदी को सही ठहराते हुए को संबंधित रैयतों को अनुमान्य क्षतिपूर्ति का भुगतान करने व नौकरी देने की अनुशंसा की गयी, जबकि 74 जमाबंदी को गलत ठहराते हुए रद्द करने की अनुशंसा की गयी.
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