इसी के विरुद्ध प्रोन्नति दी जानी है. राज्य गठन के बाद से अब तक किसी भी इंजीनियर को मुख्य अभियंता पद पर प्रमोशन नहीं दिया गया है. अधिकतर इंजीनियर तो कार्यपालक अभियंता के पद से ही सेवानिवृत्त हुए हैं. पूर्व की सरकार में विभाग में इंजीनियरों को अधीक्षण अभियंता के पद पर भी प्रोन्नति दी गयी थी.
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पहली बार मुख्य अभियंता के पद पर अभियंताओं को प्रोन्नति
रांची: राज्य के इंजीनियरों को पहली बार मुख्य अभियंता बनने का मौका मिलेगा, यानी उन्हें मुख्य अभियंता पद पर प्रोन्नति दी जायेगी. इस तरह वे स्थायी मुख्य अभियंता बन सकेंगे. पथ निर्माण विभाग ने प्रमोशन देने की कार्रवाई शुरू कर दी है. सूचना के मुताबिक मुख्य अभियंता के कुल छह पदों के विरुद्ध प्रोन्नति दी […]
रांची: राज्य के इंजीनियरों को पहली बार मुख्य अभियंता बनने का मौका मिलेगा, यानी उन्हें मुख्य अभियंता पद पर प्रोन्नति दी जायेगी. इस तरह वे स्थायी मुख्य अभियंता बन सकेंगे. पथ निर्माण विभाग ने प्रमोशन देने की कार्रवाई शुरू कर दी है. सूचना के मुताबिक मुख्य अभियंता के कुल छह पदों के विरुद्ध प्रोन्नति दी जायेगी. पथ निर्माण विभाग में तीन, ग्रामीण कार्य विभाग में दो व भवन निर्माण विभाग में एक पद मुख्य अभियंता का है.
प्रभार के भरोसे ही चल रहा है विभाग : अब तक पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य विभाग व भवन निर्माण विभाग में सारे मुख्य अभियंता व अभियंता प्रमुख के पद प्रभार के भरोसे चल रहे हैं. अधीक्षण अभियंताओं को ये पद प्रभारी व्यवस्था के तहत दिये गये हैं. अभियंता प्रमुख के चारों पदों पर प्रभारी रूप से अभियंता को रखा गया है.
10 से ज्यादा को एसइ में प्रोन्नति भी : विभाग 10 से ज्यादा इंजीनियरों को अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रोन्नति देगा. इसकी भी तैयारी की जा रही है. विभाग ने 39 कार्यपालक अभियंताओं को वरीयता के हिसाब से अधीक्षण अभियंता बनाया था. इनमें से 10 से ज्यादा अभियंता रिटायर हो गये हैं. वहीं एक की मृत्यु भी हो गयी है. इस तरह इन पदों के विरुद्ध प्रोन्नति देनी है.
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