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राज्य में 10 हजार पोषण मित्र और सखी की होगी नियुक्ति

पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ते कदम कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य सरकार पोषण सखी और 10 हजार पोषण मित्र की नियुक्ति करेगी. आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण सखी को प्रशिक्षित कर उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से दिये जानेवाले तीन रंगों के कार्ड को भरने […]

पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ते कदम कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य सरकार पोषण सखी और 10 हजार पोषण मित्र की नियुक्ति करेगी. आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण सखी को प्रशिक्षित कर उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से दिये जानेवाले तीन रंगों के कार्ड को भरने की जानकारी दी जायेगी.
पोषण सखी सभी घरों में जाकर कुपोषण कार्ड को भरने का काम करेंगी और कुपोषण और सिकल सेल एनीमिया से बचाव की जानकारी भी देंगी. श्री दास मंगलवार को होटल बीएनआर में आयोजित पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ते कदम करुणा कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे थे.
उन्होंने घोषणा की कि आंगनबाड़ी केंद्र में आनेवाले बच्चों को बुनियादी शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने निजी नर्सिग होम व क्लिनिक संचालकों से आग्रह किया कि वे गरीब महिलाओं का नि:शुल्क प्रसव करायें. उन्होंने कहा कि आज भी झारखंड में सुरक्षित प्रसव नहीं होने और कुपोषण की वजह से 30 हजार बच्चों और गर्भवती माताओं की मौत हो जाती है.
संताल, कोल्हान व पलामू में सिकल सेल एनीमिया अधिक : संताल परगना, कोल्हान और पलामू प्रमंडल में सिकल सेल एनीमिया अधिक है. इस अनुवांसिक बीमारी की वजह से महिलाएं और बच्चों की असामयिक मृत्यु हो रही है. महिलाओं और बच्चों की स्थिति में सुधार होने से ही राज्य कुपोषण मुक्त होगा.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रशिक्षित मानव संपदा के जरिये सिकल सेल एनीमिया, कुपोषण और अन्य बीमारियों से निबटेगी. इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पोषण सखियों को घर-घर भेजा जायेगा.
पोषाहार का सही उपयोग हो : मृदुला: समाज कल्याण महिला और बाल विकास की सचिव मृदुला सिन्हा ने कहा कि 2011-12 में अत्यधिक कुपोषित बच्चों के लिए राज्य सरकार ने जीवन आशा कार्यक्रम की शुरुआत की थी.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर कुपोषण से निजात पाने के लिए कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कुपोषण चार्ट जारी किया गया है. यह लाल, पीला और हरा रंग का है. उन्होंने गर्भवती माताओं और किशोरी बालिकाओं को नियमित आयरन व फोलिक एसिड की खुराक देने की बातें भी कहीं. उन्होंने कहा कि पोषाहार का सही उपयोग होना जरूरी है. इसके लिए सरकार अतिरिक्त पोषाहार उपलब्ध कराती है.
स्वयंसेवी संस्थाएं मिल कर काम करें : अशोक भगत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विकास भारती के सचिव पदमश्री अशोक भगत ने कहा कि यूएस एड के सहयोग से गुमला सदर में इंप्रूव्ड न्यूट्रिशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. झारखंड अस्थिरता से स्थिरता की ओर बढ़ रहा है.
उन्होंने कुपोषण से मुक्ति के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को मिल कर काम करने का आग्रह किया. सेव द चिल्ड्रेन के महादेव हांसदा ने कहा कि कुपोषण से निबटने के लिए 30 इंडिकेटर तय किये हैं. प्रत्येक पंचायत में न्यूट्रिशन सलाहकार भी बनाये गये हैं. संस्था के निदेशक डॉ सुदीप सिंह ने कहा कि कनवर्जेस मॉडल से ही पोषण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि भारत में एक तिहाई बच्चे अभी भी कुपोषित हैं. पांच वर्ष तक की आयु वाले 50 फीसदी बच्चे स्टेज डेवलपमेंट में अल्प पोषण का शिकार हो जाते हैं. कार्यक्रम में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, एनएचआरएम के निदेशक आशिष सिंहमार, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अमित खरे और अन्य उपस्थित थे.

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