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खरीदना तय नहीं, कूटने का आदेश

खाद्य आपूर्ति विभाग चार जिलों में धान खरीद को बता रहा है संदेहास्पद रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग चार जिलों में हुई धान खरीद को संदेहास्पद बता रहा है. उनसे पूछा जा रहा है कि उन्होंने बगैर फंड के धान कैसे खरीद लिया. संबंधित जिले हजारीबाग, देवघर, पलामू व गढ़वा से कहा गया कि वे […]

खाद्य आपूर्ति विभाग चार जिलों में धान खरीद को बता रहा है संदेहास्पद
रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग चार जिलों में हुई धान खरीद को संदेहास्पद बता रहा है. उनसे पूछा जा रहा है कि उन्होंने बगैर फंड के धान कैसे खरीद लिया. संबंधित जिले हजारीबाग, देवघर, पलामू व गढ़वा से कहा गया कि वे धान खरीद का भौतिक सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट दें.
करीब दो माह पहले मांगी गयी रिपोर्ट किसी जिले से आज तक नहीं मिली है. इधर धान खरीद हुई या नहीं, इसी पर संदेह है, उधर हजारीबाग के जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम ने तथाकथित 61.53 हजार क्विंटल धान की कुटाई का आदेश (इनफोर्समेंट ऑर्डर) जारी कर दिया है.
विभागीय अधिकारी इससे हतप्रभ हैं. प्रबंध निदेशक, राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) बालेश्वर सिंह ने हजारीबाग एसएफसी के जिला प्रबंधक से पूछा है कि जब धान खरीद ही संदेहास्पद है, तो उन्होंने कुटाई के लिए आदेश कैसे दे दिया. मामले को हास्यास्पद बताते हुए जिला प्रबंधक से स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
गौरतलब है कि सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदती है. खरीफ-14 के दौरान धान खरीद के लिए रिवॉल्विंग फंड नहीं रहने से धान खरीद नगण्य रही.
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने खुद कहा था कि राज्य में धान खरीद नहीं के बराबर हुई है. इधर, विधानसभा का सत्र तथा धान खरीद की समय सीमा 31 मार्च के समाप्त होते ही उक्त चार जिलों ने सूचना दी कि उन्होंने किसानों से धान खरीदा है.
देवघर तो 3.65 लाख क्विंटल धान खरीदने का दावा कर रहा है. कुल 4.37 लाख क्विंटल धान. कैसे? जवाब मिला किसानों को टोकन देकर. अब उक्त जिले किसानों को तथाकथित भुगतान के लिए सरकार से 59.47 करोड़ रुपये मांग रहे हैं.

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