रांची : गलत तरीके से नियुक्त हुए 15 शिक्षकों को कल्याण विभाग ने अब तक बरखास्त नहीं किया है. हालांकि इन शिक्षकों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति दे दी गयी है. सीबीआइ ने इन्हें बरखास्त करने की अनुशंसा की थी. इन शिक्षकों ने चयन परीक्षा में 101 प्रश्नों में से 5 से 10 के ही जवाब लिखे थे. इसके बाद भी सुनियोजित तरीके से इन्हें शिक्षक के पद पर नियुक्त कर दिया गया था. ये शिक्षक कल्याण विभाग की ओर से संचालित स्कूलों में पढ़ा रहे हैं.
हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने की थी जांच
हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने शिक्षक नियुक्ति घोटाले की जांच (प्राथमिकी सं आरसी 6/13) की थी. जनवरी 2015 में झारखंड लोक सेवा आयोग ने कुल 21 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इसमें जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह, राधा गोविंद नागेश, शांति देवी, परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी सिंह और चयन टेबुलेशन करनेवाली एजेंसी के मालिक धीरज कुमार के अलावा 15 शिक्षकों के नाम शामिल थे.
सीबीआइ ने जालसाजी कर नियुक्त होने के आरोप में जिन शिक्षकों पर आरोप पत्र दायर किया था, उनमें जितेंद्र कुमार सिंह देव, सिकंदर मांझी, संतोष जी आनंद, दुर्गावती कुमारी, शहजाद अंसारी, राजीव रंजन, प्रमिला दादेल, जसवंत डेम्टा, पूनम तिग्गा, सुषमा पूर्ति, नीलम होरो, प्रतिमा एक्का, सुरलेन कच्छप, जमील अख्तर और एलिजाबेथ खलखो शामिल थे. जांच में सीबीआइ ने पाया था कि शिक्षक नियुक्ति के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में कुल 101 प्रश्न थे. साजिश के तहत जिन 15 आवेदकों को शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था, उन्होंने 101 में से 5-10 सवालों के जवाब ही लिखे थे.
सीबीआइ ने जनवरी में ही इन शिक्षकों को बरखास्त करने की अनुशंसा सरकार से की थी. सीबीआइ की अनुशंसा मुख्य सचिव कार्यालय के माध्यम से कल्याण विभाग को भेज दी गयी. पर, कल्याण विभाग ने अब तक इन शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. कल्याण सचिव वंदना डाडेल के अनुसार आरोपी शिक्षकों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति दे दी गयी है. इसके बाद इन शिक्षकों के खिलाफ और किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है.
कल्याण विभाग को उठाना था कदम
जांच के बाद सीबीआइ कर चुकी है अनुशंसा
इन 15 शिक्षकों पर है आरोप
जितेंद्र कुमार सिंह देव, सिकंदर मांझी, संतोष जी आनंद, दुर्गावती कुमारी, शहजाद अंसारी, राजीव रंजन, प्रमिला दादेल, जसवंत डेम्टा, पूनम तिग्गा, सुषमा पूर्ति, नीलम होरो, प्रतिमा एक्का, सुरलेन कच्छप, जमील अख्तर, एलिजाबेथ खलखो.
आरोपी आयोग के अधिकारी
दिलीप प्रसाद, गोपाल प्रसाद सिंह, राधा गोविंद नागेश, शांति देवी, एलिस उषा रानी सिंह (सभी जेपीएससी के तत्कालीन अधिकारी) धीरज कुमार एजेंसी के मालिक.