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सर्वाधिक जनजातीय आबादी रांची में

सबसे कम ट्राइबल कोडरमा में रांची : जनगणना-2011 के नये आंकड़े के अनुसार रांची जिले में सबसे अधिक आदिवासी रहते हैं. राज्य भर की कुल जनजातीय आबादी करीब 86.45 लाख है. इनमें से 10.42 लाख ट्राइबल अकेले रांची में हैं. जनजातीय लोग रांची की कुल आबादी का 35.8 फीसदी ही है. फीसदी के लिहाज से […]

सबसे कम ट्राइबल कोडरमा में
रांची : जनगणना-2011 के नये आंकड़े के अनुसार रांची जिले में सबसे अधिक आदिवासी रहते हैं. राज्य भर की कुल जनजातीय आबादी करीब 86.45 लाख है. इनमें से 10.42 लाख ट्राइबल अकेले रांची में हैं. जनजातीय लोग रांची की कुल आबादी का 35.8 फीसदी ही है. फीसदी के लिहाज से खूंटी में सबसे अधिक ट्राइबल हैं. वहां ये कुल आबादी का 73.3 फीसदी है. प.सिंहभूम कुल जनजातीय आबादी के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा जिला है. यहां 10.11 लाख ट्राइबल रहते हैं. वहीं तीसरा स्थान गुमला का है, जहां 7.06 लाख ट्राइबल रहते हैं.
राज्य में सबसे कम जनजातीय आबादी कोडरमा में है. राज्य के खूंटी, सिमडेगा, गुमला, प.सिंहभूम व लोहरदगा में जनजातीय आबादी उक्त जिलों की कुल आबादी के 50 फीसदी से अधिक है. शहर का अपना आकर्षण होता है. वहां पढ़ने-लिखने तथा अपना कैरियर बनाने सहित जीने की कई सुविधाएं होती हैं. मामला राजधानी का हो, तो यह बात और महत्वपूर्ण हो जाती है. यही वजह है कि रांची के कुल 10.42 लाख जनजातीय लोगों में से 2.52 लाख लोग शहरों में रहते हैं.
पू.सिंहभूम (जमशेदपुर) में रांची के बाद दूसरी सबसे बड़ी शहरी जनजातीय आबादी है. वहां 1.38 लाख लोग शहर में हैं. शेष जिलों में शहरों में रहने वाली जनजातीय आबादी बहुत कम है. खास कर संताल परगना के ज्यादातर ट्राइबल अब भी ग्रामीण इलाके में ही हैं. यहां विभिन्न जिलों में कुल जनजातीय आबादी (शहरी व ग्रामीण) संबंधी आंकड़े दिये जा रहे हैं.

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