नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को अटके पड़े बिजली संयंत्रों को फिर से शुरू करने के लिए आयातित प्राकृतिक गैस संबंधी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए जीएमआर, जीवी और लैंको समेत 14 बोलीकर्ता मैदान में हैं. सरकार इस दौर में 792 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी, जिसके लिए 8,100 मेगावाट की क्षमतावाले अटके हुए संयंत्रों ने बोली लगायी है. सबसे कम सब्सिडी के लिए बोली लगानेवाले बिजली उत्पादों को ईंधन पर पहला अधिकार मिलेगा.बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस दौर में 8.9 एमएमएससीएमडी गैस के लिए बोली लगायी गयी, जिसकी जरूरत इस साल जून से सितंबर के दौरान अटके हुए गैस आधारित संयंत्रों का चालू करने के लिए है. कुल मिला कर 14,305 मेगावाटवाले 31 बिजली संयंत्र गैस के अभाव में बेकार पड़े हैं. वे बिजली प्रणाली विकास कोष (पीएसडीएफ) से समर्थन के लिए बोली लगा सकता है, ताकि एलएनजी के जरिये स्थापित क्षमता के 30 प्रतिशत के बराबर उत्पादन किया जा सके. अटके हुए गैस आधारित संयंत्र (एसजीपी) और घरेलू गैस प्राप्त करने वाले संयंत्रों (डीजीपी) के लिए अलग-अलग बोली आयोजित की जायेगी. एसजीपी और डीजीपी नीलामी लगातार दो दिन आयोजित होगी. अधिकारी ने कहा कि एसजीपी के लिए बोली डीजीपी के लिए दूसरे दौर की नीलामी पूरी होने के बाद शुरू होगी.
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एलएनजी सब्सिडी के लिए 14 बोलीकर्ता मैदान में
नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को अटके पड़े बिजली संयंत्रों को फिर से शुरू करने के लिए आयातित प्राकृतिक गैस संबंधी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए जीएमआर, जीवी और लैंको समेत 14 बोलीकर्ता मैदान में हैं. सरकार इस दौर में 792 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी, जिसके लिए 8,100 मेगावाट की क्षमतावाले अटके हुए संयंत्रों […]
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