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आर्थिक तंगी से जूझ रहा है शहीद का परिवार

तीन साल पहले ओड़िशा के मलकानगिरि जिले में माओवादी हमले में शहीद हुए थे बीएसएफ के सेकेंड इन कमांड अफसर राजेश शरण मनोज लकड़ा रांची : ओड़िशा के मलकानगिरि जिले में तीन वर्ष पहले माओवादी हमले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेकेंड इन कमांड अफसर, 107 बटालियन मोरहाबादी निवासी राजेश शरण शहीद हुए थे. […]

तीन साल पहले ओड़िशा के मलकानगिरि जिले में माओवादी हमले में शहीद हुए थे बीएसएफ के सेकेंड इन कमांड अफसर राजेश शरण
मनोज लकड़ा
रांची : ओड़िशा के मलकानगिरि जिले में तीन वर्ष पहले माओवादी हमले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेकेंड इन कमांड अफसर, 107 बटालियन मोरहाबादी निवासी राजेश शरण शहीद हुए थे.
यह घटना दस फरवरी 2012 की है, पर झारखंड सरकार ने अब तक उनके परिजनों को कोई अनुग्रह अनुदान या अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दी है. जबकि राज्य सरकार के संकल्प के अनुसार, अनुकंपा के आधार पर शहीद की पत्नी अथवा किसी आश्रित को सरकारी नौकरी व अनुग्रह अनुदान की राशि देनी है. इधर, इन तीन वर्षो में शहीद का परिवार बिखर गया है.
पत्नी रंजीता शरण पुत्र को लेकर अपने पिता के पास चली गयी है. बेरोजगार भाई ने किसी तरह एक बहन की शादी करायी है. एक और बहन का विवाह कराना है. सदमे में पिता की मौत हो चुकी है.
तीन साल से लटका है मामला
शहीद राजेश शरण की पत्नी रंजीत शरण ने 28 जून 2012 को राज्य के तत्कालीन गृह सचिव को शपथ पत्र दिया कि अपरिहार्य कारणों से वह नौकरी नहीं कर सकतीं, इसलिए शहीद के भाई राकेश शरण को नौकरी दी जाये.
सीमा सुरक्षा बल निदेशालय ने 12 सितंबर 2012 को ज्ञापांक संख्या 56 से झारखंड के गृह विभाग को यह सूचित किया कि स्व राजेश शरण के किसी भी आश्रित को बीएसएफ ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दी है. तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर रंजीता शरण ने गृह सचिव से मुलाकात कर अपने देवर राकेश शरण को नौकरी देने का अनुरोध किया. हेमंत सोरेन ने आश्रित कोटे में नौकरी के लिए भाई व अविवाहित बहन को सम्मिलित करने पर विचार के लिए मंत्रीमंडल में प्रस्तुत करने की अनुशंसा की, जो अब तक नहीं हुआ है.
इधर, नौ सितंबर 2014 को डीजीपी ने राकेश शरण के चरित्र की जांच करायी. 16 जनवरी 2015 को एआइजी सह स्पेशल असिस्टेंट टू डीजीपी, झारखंड ने वरीय पुलिस अधीक्षक को राकेश शरण की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा. पर मामला अब तक लंबित है.

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