रांची: हाइकोर्ट में सोमवार को आरोपी अधिकारियों के खिलाफ लंबित अभियोजन स्वीकृति व संपत्ति का ब्योरा नहीं देने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा संपत्ति का ब्योरा नहीं देने के मामले में सरकार की भूमिका पर कोर्ट ने नाराजगी जतायी.
कहा कि सरकार तो कुछ करेगी नहीं, कोर्ट को ही फैसला लेना होगा. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पूछा कि कौन अधिकारी व कर्मचारी संपत्ति का ब्योरा नहीं दे रहे हैं, उसकी जानकारी अदालत को दी जाये. सबसे पहले गृह विभाग व परिवहन विभाग को मॉडल माना जाये. इन विभागों के किस अधिकारी या कर्मचारी ने संपत्ति का ब्योरा सरकार को नहीं दिया है, उसकी जानकारी अदालत को दी जाये.
खंडपीठ ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 34 के तहत सरकार ने क्या कार्रवाई की है और किस कर्मी ने संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है, उसकी विस्तृत जानकारी नाम सहित देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तिथि निर्धारित की. प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता मो सुहैल अनवर व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता आरआर मिश्र ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सिटीजन कॉज ने जनहित याचिका दायर की है.