फोटो अमित दास- संत जेवियर्स डोरंडा में बाल यौन शोषण विषयक कार्यशालासंवाददाता, रांचीबच्चों का यौन शोषण के अधिकांश मामलों में यह देखा गया है कि उनके परिचित ही उन्हें अपना शिकार बनाते हैं. संत जेवियर्स स्कूल, डोरंडा में शनिवार को बाल यौन शोषण विषयक कार्यशाला में लाइफ सृष्टि गोवा संस्था की निदेशक डॉ राज लक्ष्मी ने यह टिप्पणी की . उन्होंने कहा कि यौन शोषण करनेवाले ज्यादातर छह – सात साल के बच्चे को शिकार बनाते हैं क्योंकि वे नाजुक होते हैं़ लड़कियों से अधिक लड़के असुरक्षित होते हैं, क्योंकि लोग सहजता से उन तक पहंुच बना सकते हैं़ इंटरनेट पर भी बच्चों का यौन शोषण किया जाता है. बच्चों को सही-गलत की जानकारी नहीं होती, इसलिए पहले तो वे इसे आनंद के रूप में लेते हैं. धीरे – धीरे वे इसके आदी हो जाते हैं. ऐसे में शिक्षकों व माता – पिता की यह जिम्मेदारी है कि वे उन्हें सही गलत का भेद सिखायें़ इंटरनेट कनेक्शन या स्मार्टफोन देने से पहले अच्छी तरह विचार करना जरूरी है. उन्होंने बताया कि वह एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रही हैं, जो बच्चों को ऐसे साइट से बचायेगा. शिक्षकों को भी इन साइटों के बारे में अद्यतन जानकारी रखनी चाहिए. बच्चों के व्यवहार परिवर्तन आदि पर भी पैनी नजर रखें़ इस मौके पर उनकी टीम की निशा, डोरंडा ओल्ड जेवेरियंस के आशीष, प्राचार्य फादर अजीत खेस, फादर ब्रिशियुस एक्का, फादर संजय केरकेट्टा व सभी शिक्षक – शिक्षिकाएं मौजूद थे.
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परिचित ही करते हैं बाल यौन शोषण : डॉ राज लक्ष्मी
फोटो अमित दास- संत जेवियर्स डोरंडा में बाल यौन शोषण विषयक कार्यशालासंवाददाता, रांचीबच्चों का यौन शोषण के अधिकांश मामलों में यह देखा गया है कि उनके परिचित ही उन्हें अपना शिकार बनाते हैं. संत जेवियर्स स्कूल, डोरंडा में शनिवार को बाल यौन शोषण विषयक कार्यशाला में लाइफ सृष्टि गोवा संस्था की निदेशक डॉ राज लक्ष्मी […]
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