रांचीः पलामू टाइगर रिजर्व की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है. विभागीय आवंटन बंद है. अब निगम वन विकास निगम से कर्ज लेने की सोच रहा है. निगम से 40 लाख रुपये देने का आग्रह किया गया है. पिछले साल भी आवंटन में विलंब होने के बाद पलामू टाइगर रिजर्व से 30 लाख रुपये उधार लिया गया था. पलामू टाइगर रिजर्व को हर साल अवधि विस्तार मिलता है. इस कारण यहां प्लान और नन प्लान की राशि अवधि विस्तार के बाद ही मिलती है.
39 साल से स्थिति यथावत
पलामू स्थित व्याघ्र परियोजना पिछले 39 वर्ष से एक–एक साल की अवधि विस्तार से चल रही है. हर साल इस परियोजना को एक साल का विस्तार मिलता है. वहीं इसके बाद बने कई कार्यालयों को स्थायी कर दिया गया है, जबकि व्याघ्र परियोजना अब तक स्थायी नहीं हो पायी है. यह कार्यालय 1974 से इसी स्थिति में है.
इससे कामकाज प्रभावित हो रहा है. हर साल 31 मार्च को कार्यालय का विस्तार खत्म हो जाता है. ऐसी स्थिति में परियोजना का काम भी प्रभावित हो रहा है.
‘‘ यह एक बड़ी समस्या है. विभाग स्थायीकरण को लेकर प्रयासरत है. विभागीय सचिव व पीसीसीएफ से भी बात हुई है. उम्मीद है कि पलामू व्याघ्र परियोजना को इस समस्या से जल्द निजात मिलेगा. विभाग वहां की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए टाइगर फाउंडेशन के गठन को लेकर भी गंभीर है. ‘‘
एके मिश्र, पीसीसीएफ (वन्य प्राणी)