एजेंसियां, गोपेश्वर चमोली जिले में जोशीमठ के पास हाथीपर्वत से बोल्डर गिरने के कारण पिछले करीब दो दिनांे से बंद पडे़ रिषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार को फिर बड़ी चट्टान गिर पड़ी जिससे बदरीनाथ धाम में सैकडों तीर्थयात्री फंस गये हैं. इस चट्टान के गिरने से न केवल राजमार्ग अवरुद्ध हो गया बल्कि उसके काफी नीचे बह रही अलकनंदा नदी भी ढक गयी. हाथी पर्वत के इस मलबे से कुछ देर के लिए अलकनंदा का प्रवाह भी थम गया और वहां पर छोटी-सी झील बन गयी. हालांकि, कुछ देर बाद नदी के पानी के मलबे के ऊपर पहुंच जाने के बाद नदी का प्रवाह सामान्य हो गया. चमोली के जिलाअधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से रेस्क्यू के लिए तीन हैलिकाप्टर जोशीमठ भेजे गये हैं जिनसे बदरीनाथ में फंसे पांच सौ से अधिक तीर्थयात्रियों को जोशीमठ लाया जा रहा हैं. हाथीपर्वत के अंदर ही विष्णुप्रयाग जलविद्युत परियोजना का भूमिगत पावर हाउस है और यहां पर यात्रा शुरू होने से पहले ही भूस्खलन शुरु हो गया था. मलबा साफ करने के बाद 26 अप्रैल को अपने पूर्व निर्घारित कार्यक्रम के तहत बदरीनाथ यात्रा भी शुरु हो गयी लेकिन गत मंगलवार को फिर से यहां भूस्खलन हो गया. सीमा सडक संगठन (बीआरओ) के जवान फिर से सड़क खोलने में जुटे हैं. यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को सड़क की स्थिति से वाकिफ कराने के लिए जगह-जगह पर एडवाइजरी भी जारी की है.
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बदरीनाथ मार्ग पर फिर गिरी गिरी, सैकड़ों तीर्थयात्री फंसे
एजेंसियां, गोपेश्वर चमोली जिले में जोशीमठ के पास हाथीपर्वत से बोल्डर गिरने के कारण पिछले करीब दो दिनांे से बंद पडे़ रिषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार को फिर बड़ी चट्टान गिर पड़ी जिससे बदरीनाथ धाम में सैकडों तीर्थयात्री फंस गये हैं. इस चट्टान के गिरने से न केवल राजमार्ग अवरुद्ध हो गया बल्कि उसके काफी […]
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