फोटो (1) वीरान पड़ा बाल विकास परियोजना कार्यालयइटखोरी. बाल विकास परियोजना कार्यालय बदहाली के कगार पर है. कार्यालय में वीरानी छायी रहती है. यहां एक साल से सीडीपीओ का पद रिक्त है. सात सुपरवाइजरों की जगह मात्र चार सुपरवाइजर उषा कुमारी, सुप्रिया जॉन, श्यामा सिंह व ज्योति रंजन कार्यरत हैं. समाज कल्याण के माध्यम से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण लोगों को जानकारी नहीं मिल पाती है. यही कारण है कि इस वर्ष कन्यादान योजना का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका है. बाल विकास परियोजना अंतर्गत 202 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. इनके निरीक्षण का दायित्व मात्र चार सुपरवाइजरों पर है. सीडीपीओ का पद रिक्त रहने के कारण विभागीय कार्यों का निष्पादन नहीं हो पाता है.
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बाल विकास परियोजना कार्यालय बदहाल
फोटो (1) वीरान पड़ा बाल विकास परियोजना कार्यालयइटखोरी. बाल विकास परियोजना कार्यालय बदहाली के कगार पर है. कार्यालय में वीरानी छायी रहती है. यहां एक साल से सीडीपीओ का पद रिक्त है. सात सुपरवाइजरों की जगह मात्र चार सुपरवाइजर उषा कुमारी, सुप्रिया जॉन, श्यामा सिंह व ज्योति रंजन कार्यरत हैं. समाज कल्याण के माध्यम से […]
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