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स्थानीय नीति का मसौदा तैयार, 15-20 वर्ष से रहनेवाले हो सकते हैं स्थानीय

रांची : राज्य सरकार ने स्थानीय नीति का मसौदा तैयार कर लिया है. कार्मिक विभाग ने इससे संबंधित ड्राफ्ट मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी सौंप दिया है. शनिवार को दिन के 11 बजे से भाजपा कोर कमेटी की बैठक बुलायी गयी है. बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास प्रदेश के नेताओं के साथ इस मसौदे पर […]

रांची : राज्य सरकार ने स्थानीय नीति का मसौदा तैयार कर लिया है. कार्मिक विभाग ने इससे संबंधित ड्राफ्ट मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी सौंप दिया है. शनिवार को दिन के 11 बजे से भाजपा कोर कमेटी की बैठक बुलायी गयी है. बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास प्रदेश के नेताओं के साथ इस मसौदे पर चर्चा करेंगे. बताया जाता है कि बैठक में पूर्व की सरकार की ओर से तैयार प्रस्ताव और नये मसौदे दोनों पर चर्चा होगी.
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार 15 से 20 साल से झारखंड में रह रहे लोगों को स्थानीय का दरजा दे सकती है. सूत्रों ने यह भी बताया कि स्थानीयता को परिभाषित करने के बाद सरकार स्थानीय लोगों के लिए पांच से 10 साल तक नौकरी फ्रिज कर सकती है. यानी पांच से 10 साल तक सिर्फ स्थानीय को ही नौकरी देने का प्रावधान किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ सरकार ने दंतेवाड़ा में भी इसी तरह का नियम लागू किया था.
वहां तीन सालों तक स्थानीय लोगों के लिए नौकरी फ्रिज की गयी थी.
पार्टी अध्यक्ष से मिल चुकी है हरी झंडी : कोर कमेटी में मसौदे पर सहमति बनने के बाद सरकार इस पर भाजपा के केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा कर सकती है. हालांकि बताया जाता है कि सरकार के इस मसौदे को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी हरी झंडी दे दी है. पर इसकी घोषणा से पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से चर्चा कर सकते हैं. पार्टी स्तर पर सहमति बनने के बाद सीए अप्रैल के अंत तक स्थानीय नीति घोषित कर सकते हैं. हालांकि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से सलाह ली है. पर उनकी कोशिश है कि पार्टी फोरम में नीति को लेकर एक राय बने.
हो चुकी हैं कई बैठकेंस्थानीय नीति को लेकर मुख्यमंत्री पार्टी के विधायकों के साथ बैठक कर चुके हैं. पार्टी विधायकों से इस पर राय मांगी गयी थी.
पार्टी के विधायकों की अलग-अलग राय थी. पार्टी फोरम में कट ऑफ डेट 1995 करने की मांग कई विधायकों ने की थी. इसी माह मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक भी हुई. सर्वदलीय बैठक में पार्टियों की अलग-अलग राय थी. मुख्यमंत्री ने इस मसले पर बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी राय ली थी.

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