रांची : सीबीआइ ने कोयला घोटाले की जांच के दौरान शुक्रवार को जेएसपीएल (जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड) को फॉरेस्ट क्लियरेंस दिये जाने के सिलसिले में वन विभाग की फाइलों की जांच की. सीबीआइ ने इस सिलसिले में केंद्र सरकार से किये गये पत्रचार की प्रतियां और फाइलों की प्रतिलिपि हासिल की.
कोयला घोटाले के इस मामले में नवीन जिंदल सहित तत्कालीन कोयला राज्य मंत्री डीएन राव को भी अभियुक्त बनाया गया है. कोयला घोटाले की जांच के लिए रांची पहुंची दिल्ली सीबीआइ की टीम 20 अप्रैल तक यहां रह कर इससे जुड़े मामलों की जांच करेगी.
सीबीआइ ने इससे पहले खान विभाग से जेएसपीएल से संबंधित दस्तावेज लिये थे और उसकी जांच की थी. जांच में यह पाया गया कि झारखंड सरकार ने जून 2007 में अपने पत्र संख्या 20 के माध्यम से तीन कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटित करने करने की अनुशंसा की थी. इसमें मेसर्स लैंको इंफ्राटेक, मेसर्स जेएसपीएल और मेसर्स जीएसआइपीएल का नाम शामिल था.
सूत्रों के अनुसार जीएसआइपीएल में जेएसपीएल की सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी. जीएसपीआइएल का सर्वाधिक शेयर जेएसपीएल के पास है. जांच में यह भी पाया गया कि राज्य सरकार ने करीब एक माह माह अपनी अनुशंसा में तब्दीली करते हुए केंद्र सरकार को एक दूसरा पत्र लिखा.
जुलाई 2007 में लिखे गये अपने पत्र में राज्य सरकार ने सिर्फ जेएसपीएल को ही मुरगादंगल कोल ब्लॉक आवंटित करने की अनुशंसा की. इसके बाद सितंबर 2007 में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई. तत्कालीन कोयला राज्य मंत्री डीएन राव ने स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की. इसमें उन्होंने पक्षपात किया और जेएसपीएल के नाम मुर्गादंगल कोल ब्लॉक आवंटित करने का फैसला किया.