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चार वर्षो से बंद है कल्याण विभाग का व्यावसायिक प्रशिक्षण

रांची : कल्याण विभाग पिछले चार वर्षो से व्यावसायिक प्रशिक्षण (वोकेशनल कोर्सेस) का आयोजन नहीं कर रहा है. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विभाग की एजेंसी झारखंड अनुसूचित जाति, जनजाति विकास निगम, समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण (आइटीडीए) के माध्यम से संचालित किया जाता था. जनजातीय कल्याण आयुक्त कार्यालय की ओर से कार्यक्रम की निगरानी की जाती थी. […]

रांची : कल्याण विभाग पिछले चार वर्षो से व्यावसायिक प्रशिक्षण (वोकेशनल कोर्सेस) का आयोजन नहीं कर रहा है. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विभाग की एजेंसी झारखंड अनुसूचित जाति, जनजाति विकास निगम, समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण (आइटीडीए) के माध्यम से संचालित किया जाता था.
जनजातीय कल्याण आयुक्त कार्यालय की ओर से कार्यक्रम की निगरानी की जाती थी. 2011-12 से व्यावसायिक प्रशिक्षण के किसी भी कोर्स का लाभ अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति और आदिम जनजाति के पढ़े-लिखे युवक युवतियों को नहीं मिल रहा है. राज्य सरकार की ओर से 15 करोड़ से अधिक का प्रावधान इस कार्यक्रम के तहत किया जाता था.
जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा पैन आइआइटी गुरुकुल की ओर से व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाये जाने पर अंतिम निर्णय नहीं लिये जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. सरकार और संस्था के बीच समझौता होने के बाद भी अब तक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ है. संस्थान ने सरकार से प्रशिक्षण दिलाने के लिए स्पेश उपलब्ध कराने की मांग की है.
पूर्व में सरकार ने पैन आइआइटी गुरुकुल को व्यावसायिक प्रशिक्षण मद का 35 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया था. अब 2015-16 में सरकार की ओर से आवंटित की जानेवाली राशि को कम करने का निर्णय भी लिया गया है. राज्य सरकार की ओर से कौशल विकास मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत कल्याण विभाग के लिए छह करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है.
क्या-क्या मिलता था प्रशिक्षण
कल्याण विभाग इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए कौशल विकास तथा क्षमता संवर्धन कार्यक्रम संचालित करता था. इसमें होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, फंट्र आफिस मैनेजमेंट, कंप्यूटर से जुड़े कई एजुकेशनल कोर्स, पायलट प्रशिक्षण, हुनर से रोजगार कार्यक्रम, टीवी रिपेयरिंग, मेकेनिक, पंपसेट मेकेनिक, लाह उत्पादन और संवर्धन, इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं.

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