रांची: रांची नगर निगम बोर्ड की अहम बैठक दो सितंबर को होनेवाली है. बैठक में एटूजेड कंपनी को शहर की साफ-सफाई के कार्यो से मुक्त करने पर मुहर लग सकती है. कंपनी को हटाने के लिए सभी 55 वार्डो के पार्षद एकजुट हैं. वहीं, निगम के कई अधिकारी भी परदे के पीछे एटूजेड को हटाने की वकालत कर रहे हैं.
इधर, एटूजेड को हटाने की आहट मिलते शहर की कई स्वयंसेवी संस्थाएं (एनजीओ) जो पूर्व में शहर की सफाई व्यवस्था संभालती थीं, सक्रिय हो गयी हैं. कई एनजीओ ने निगम अधिकारियों के पास अपने कार्यो का लंबा-चौड़ा ब्योरा भी रख दिया है. इनका तर्क है कि हमें जिम्मेदारी मिली, तो शहर को जापान जैसा चकाचक कर देंगे.
पूर्व जीएम भी कर रहे हैं कड़ी फील्डिंग
शहर की सफाई व्यवस्था का काम लेने के लिए एटूजेड के एक पूर्व जीएम भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए एक एनजीओ भी बना लिया है. निगम अधिकारियों से भी मिले हैं. पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उनके पूर्व के कार्यो को देखते हुए निगम कम से कम 22 वार्डो की साफ व्यवस्था का जिम्मा उन्हें दे.
कैसे-कैसे कर रहे हैं वादे
एक एनजीओ के कर्ताधर्ता का कहना है कि उनके द्वारा खेलगांव की सफाई की जाती है. वहीं एक अन्य एनजीओ चलानेवाले का कहना है कि धुर्वा स्थित इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की सफाई उनके द्वारा ही करायी जाती है.