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गृह सचिव व निगरानी आइजी के नाम पर मांगी थी राशि

रांची, हटिया : गृह सचिव सह निगरानी आयुक्त एनएन पांडेय व निगरानी आइजी के नाम पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से फोन कर रुपये मांगने के आरोप में निगरानी ने सत्येंद्र कुमार और अनिल पांडेय को धुर्वा से गिरफ्तार किया है. जिस मोबाइल का प्रयोग रुपये मांगने के लिए किया गया था, पुलिस ने उसे […]

रांची, हटिया : गृह सचिव सह निगरानी आयुक्त एनएन पांडेय व निगरानी आइजी के नाम पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से फोन कर रुपये मांगने के आरोप में निगरानी ने सत्येंद्र कुमार और अनिल पांडेय को धुर्वा से गिरफ्तार किया है. जिस मोबाइल का प्रयोग रुपये मांगने के लिए किया गया था, पुलिस ने उसे भी जब्त कर लिया है.
अनिल पांडेय मूल रूप से गिरिडीह का रहनेवाला है.वहीं सत्येंद्र सिंह धुर्वा पानी टंकी के समीप का रहनेवाला है. दोनों ने जामताड़ा के एक स्कूल के प्राचार्या कानन पात्र, जैक के सचिव, हजारीबाग डीइओ समेत कई अधिकारियों से रुपये की मांग की थी. दोनों से जगन्नाथपुर थाने में पूछताछ चल रही है. दोनों के पास से भाजपा किसान मोरचा का लेटरपैड भी बरामद किया गया है.
निगरानी आइजी मुरारी लाल मीणा के अनुसार दोनों के खिलाफ केस दर्ज होगा.
आइजी को मिली थी शिकायत: निगरानी आइजी के पास शुक्रवार को करीब 10.30 बजे प्रभारी प्रचार्य कानन पात्र पहुंचे और उनसे निगरानी आयुक्त और निगरानी आइजी के नाम पर फोन आने की शिकायत की. करण पात्र ने निगरानी आइजी को एक ऑडियो भी सुनाया, जिसके बाद तत्काल आइजी ने निगरानी के प्रभारी एसपी आलोक कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया. इसमें एसएसपी से भी सहयोग लिया गया. उसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया.
दर्ज करायी शिकायत: मामले में कानन पात्र ने धुर्वा थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी है. शिकायत के अनुसार सत्येंद्र सिंह अपने आप को निगरानी विभाग का कर्मी बता कर उन्हें फोन करता था. उनसे कहता था आपके खिलाफ निगरानी में शिकायत है. आप मुझसे मिल लीजिए. नहीं तो मामले में केस दर्ज करने के लिए इसे निगरानी आइजी मुरारी लाल मीणा के पास भेजा जायेगा.
सीएम से शिकायत करनेवाला था इसलिए फंसा दिया: अनिल
अनिल ने बताया कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की जांच निगरानी से कराने के लिए वह मुख्यमंत्री से शिकायत करनेवाला था, इससे पहले ही उसे फंसा दिया गया.
उसने इससे संबंधित एक पत्र भी पुलिस को दिखाया है. शिकायत पत्र में कानन पात्र, सचिव झारखंड अधिविद्य परिषद मोहन चंद मुकिम, निर्मल बरेलिया (डीओ गिरिडीह) आरडीडी चाईबासा, विनय सिंह (इंजीनियर शिक्षा विभाग) का जिक्र है. अनिल के अनुसार सभी एक दूसरे से जुड़े हैं और गलत काम करते हैं.

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