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विधानसभा सत्र : विपक्ष ने लगाया मार्च लूट का आरोप

कोषागार से अधिक निकासी पर विपक्ष का हंगामा, श्वेत पत्र जारी करने की मांग विपक्ष ने चार हजार करोड़ से अधिक की निकासी पर सवाल उठाया रांची : मार्च महीने में 29 मार्च तक कोषागारों से हुई अत्यधिक निकासी पर सोमवार को सदन में विपक्ष गरम था. सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने पिछले कुछ […]

कोषागार से अधिक निकासी पर विपक्ष का हंगामा, श्वेत पत्र जारी करने की मांग
विपक्ष ने चार हजार करोड़ से अधिक की निकासी पर सवाल उठाया
रांची : मार्च महीने में 29 मार्च तक कोषागारों से हुई अत्यधिक निकासी पर सोमवार को सदन में विपक्ष गरम था. सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने पिछले कुछ दिनों से 29 मार्च तक चार हजार करोड़ से अधिक निकासी पर सवाल उठाया. विपक्षी सदस्यों का कहना था कि यह मार्च लूट है. पैसे पीएल एकाउंट में रखे गये हैं. 1250 करोड़ रुपये किस परिस्थिति में पीएल एकाउंट में रखे गये. राज्य का खजाना लूटा जा रहा है. विपक्षी सदस्य इस पर सरकार का जवाब मांग रहे थे.
संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने सरकार की ओर से अधिक निकासी पर पक्ष रखते हुए कहा कि विपक्ष सचेत है, अच्छी बात है. लेकिन पैसे की निकासी नियमानुकूल है. प्रावधान के अनुसार ही पैसे की निकासी हुई है. पीएल खाते में पैसे रखे गये हैं, लेकिन उसकी निगरानी होगी. पिछले तीन महीने में तेजी से काम हुए हैं. उसके एवज में भुगतान हुआ है.
पीएल एकाउंट के पैसे प्राधिकार पत्र निर्गत होने के बाद सक्षम स्तर पर खर्च किये जायेंगे. निकासी हुई है, लेकिन कपट पूर्ण निकासी नहीं है. पहले के वित्तीय वर्ष में भी इस तरह की निकासी होती रही है. लंबे समय से यह सिलसिला चल रहा है. राशि लैप्स ना हो, इसके लिए पैसे निकाले गये हैं. पैसे पूरी पारदर्शिता के साथ खर्च होंगे. सरकार और सदन दोनों की इस पर नजर होगी.
इससे पहले प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन का कहना था कि यह वित्तीय कुप्रबंधन है. गरीब-गुरबा का पैसा लूटा जा रहा है. सरकार ने अधिक निकासी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. झाविमो विधायक प्रदीप यादव का कहना था कि दो दिनों के अंदर पैसे की निकासी हुई है. सरकार बताये कि ये पैसे किस योजना के लिए निकाले गये हैं. कहां खर्च होंगे. पैसे का दुरुपयोग होगा. सरकार श्वेत पत्र जारी करे.
विपक्षी विधायक स्टीफन मरांडी का कहना था कि किस परिस्थिति में निकासी हुई, सरकार बताये. विपक्ष पूरे मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास से जवाब मांग रहा था. स्पीकर दिनेश उरांव का कहना था कि संसदीय कार्य मंत्री ने जवाब दे दिया है. सरकार सामूहिक जिम्मेवारी से चलती है. वित्तीय व्यवस्था को लेकर आसन भी चिंतित है. आधे घंटे के शोर-शराबे के बाद सदन में व्यवस्था कायम हुई.
नयी परंपरा की शुरुआत :स्पीकर
रांची : बजट सत्र के समापन भाषण में विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने कहा कि इस बार नयी परंपरा की शुरुआत सदन में हुई. पहली बार विधायक प्रदीप यादव ने खाद्य आपूर्ति बजट पर चर्चा के दौरान कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया. एक संशोधन प्रस्ताव पर सरकार के उत्तर से संतुष्ट आलमगीर आलम ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया. इससे सदन की गरिमा बढ़ी.
उन्होंने कहा कि पहली बार अधिकाई व्यय विधेयक सदन में आया. 850 ऑन लाइन सवाल विभागों को भेजे गये. इसमें मात्र चार सवाल का ही ऑनलाइन जवाब मिल पाया. इस दौरान सदन की चार विशेष समितियों का भी गठन किया गया. कुल 19 बैठकें हुई. 72 घंटे से ज्यादा समय लिया गया. 15 की जगह 25 सवाल शून्य काल में लिये गये. कुल 1325 प्रश्न स्वीकृत किये गये. जिन सवालों के जवाब नहीं मिल पाये हैं, उनका उत्तर सदन को देने को कहा गया है.
ठोस कार्रवाई के साथ एटीआर होगी पेश : रघुवर
रघुवर दास ने कहा कि सदन अच्छा चला. पक्ष और विपक्ष ने मिलकर काम किया. विपक्ष ने तीखे प्रहार किये तो रचनात्मक सहयोग भी किया. भविष्य में भी राज्य के विकास में दलगत भावना से उठ कर काम करेंगे. सरकार सदन की गठित विशेष समितियों को जांच में सहयोग करेगी. सरकार एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) ठोस कार्रवाई के साथ पेश करेगी.
सिकिदरी हाइडल की जांच रिपोर्ट पेश
रांची : स्वर्ण रेखा जल विद्युत परियोजना, सिकिदरी में वर्ष 2012 में अनियमितता होने की बात 23 मार्च को झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने सदन में उठायी थी. विधानसभा ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनायी थी. जांच समिति की रिपोर्ट सोमवार को सदन में पेश की गयी.
जांच समिति की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है. इसलिए श्रेयस्कर होगा कि सीबीआइ के जांच प्रतिवेदन की प्रतीक्षा कर ली जाये. सोमवार को दूसरी पाली में प्रदीप यादव ने जांच रिपोर्ट में गोलमटोल जवाब देने का मामला उठाया.मामले में अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को लगता है कि गड़बड़ी हुई है तो कार्रवाई करनी चाहिए.
हेमंत ने विरंची पर लगाया आरोप
रांची : सत्र के आखिरी दिन पहली पाली में हो-हंगामा हुआ. प्रतिपक्ष के नेता कोषागारों से अधिक निकासी पर अपनी बात रख रहे थे. श्री सोरेन ने अपने भाषण में विरंची नारायण पर घोटाला करने का आरोप लगाया.
हेमंत सोरेन का कहना था कि ऐसे सत्ता पक्ष के विधायक हैं, लूट तो होगी ही. इस पर विरंची नारायण ने आपत्ति जतायी. विरंची नारायण का कहना था कि 4.50 करोड़ रुपये लोन लिये थे. गरीब बच्चों के लिए संस्थान खोला है. मैंने लोन लिया है, मेरा घर-जमीन मॉरगेज है.
मैं चुनौती देता हूं कि इसकी सीबीआइ जांच हो जाये. हेमंत के आरोप के बाद पूरा सत्ता पक्ष खड़ा हो गया. सत्ता पक्ष का कहना था कि प्रतिपक्ष के नेता अपनी बात वापस लें. सत्ता पक्ष की आपत्ति के बाद स्पीकर ने हेमंत सोरेन की टिप्पणी को प्रोसिडिंग से हटाने का निर्देश दिया. एक दूसरे पर छींटा कसी नहीं होनी चाहिए. मंत्री सीपी सिंह का कहना था कि प्रतिपक्ष के नेता के पास साक्ष्य नहीं है, तो खेद व्यक्त करें. सत्ता पक्ष के राधाकृष्ण किशोर का कहना था कि संसदीय व्यवस्था लोक-लाज से चलती है. किसी सदस्य के बारे में कुछ कहना था, तो स्पीकर को साक्ष्य दे कर अनुमति ली जा सकती है. इस तरह से आक्षेप लगाना सही नहीं है.
संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय का कहना था कि प्रतिपक्ष का नेता गरिमा का पद है. स्पीकर ने कहा कि जिस विषय पर प्रतिपक्ष के नेता बोल रहे हैं, उसमें साक्ष्य हो, तो बोले. ऐसे आरोप-प्रत्यारोप सही नहीं है. हेमंत सोरेन ने कहा कि साक्ष्य उपलब्ध करा दूंगा. सरयू राय ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता खेद व्यक्त करें, इससे उनकी महत्ता ही बढ़ेगी. हेमंत सोरेन ने कहा कि तत्काल वह अपनी बात वापस लेते हैं. सदन की दूसरी पाली शुरू होते ही यह मामला फिर उठा. इसके बाद हेमंत सोरेन ने प्रभात खबर में छपी खबर की प्रति स्पीकर दिनेश उरांव को भिजवायी.
8120 करोड़ व्यय पर सदन की मुहर
पूर्व की सरकारों ने बजट से अधिक राशि की थी खर्च
रांची : राज्य गठन के बाद पहली बार सदन में मांग से अधिक खर्च हुई राशि को पारित कराया गया. रघुवर दास की सरकार ने अधिकाई व्यय (2002-03 से 2010-11) से संबंधित अनुदान मांग सोमवार को सदन में रखी. सदन में चर्चा के बाद ध्वनिमत से 8120 करोड़ रुपये की मांग को पारित कर दिया गया. पूर्व की सरकार ने बजट से 8120 करोड़ रुपये की अधिक राशि खर्च कर दी थी. इस पर महालेखाकार ने आपत्ति जतायी थी. सरकार की ओर से बोलते हुए संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा कि वर्तमान सरकार लेखा संधारण को दुरुस्त करेगी. बजट को अनुशासित किया जायेगा.
हेमंत सोरेन ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि बजट से अधिक राशि खर्च करने की शुरुआत पूर्व की सरकारों ने ही किया था. इसे रोकने का प्रयास नहीं किया गया. यह वित्तीय कुप्रबंधन का नतीजा है. अनंत कुमार ओझा ने कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है. पूर्व की सरकारों ने ऐसा किया था. इसे सुधारने की कोशिश सरकार कर रही है. आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार को यह पता होना चाहिए कि बजट से ज्यादा पैसा खर्च हो रहा है. ट्रेजरी से होनेवाली हर निकासी की जानकारी होनी चाहिए. प्रदीप यादव ने कहा कि आगे इस प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं होनी चाहिए. इसकी गंभीरता को समझना चाहिए. राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि वर्तमान सरकार वित्तीय व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ऐसा कर रही है.
सदन में रखा गया भूमि अजर्न, पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन अधिनियम
रांची. झारखंड भूमि अजर्न, पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार नियमावली 2015 सोमवार को विधानसभा पटल पर रखी गयी. नियमावली के प्रारूप में आम लोगों से एक महीने तक सुझाव मांगे गये थे. सभी सुझावों को अंगीकृत करते हुए नियमावली सदन में प्रस्तुत कर दी गयी. यह नियमावली राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से तैयार की गयी है.

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